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( Yes ) कोष्टक नं०७१
चौतीस स्थान दर्शन
अचक्ष दर्शन में
१ राम्रक्व मारे भंग १सम्यवाद
मारे भन । १ सम्यक्त्व कोल्नं १ दखो |(१) नरक गति में
की नं०१६ देखो कोनं०१६ देखा भित्र घटाकर (2) १-१-१-२-२के भंग ।
(१) नरक गति में को० नं० १६ देखा कोन० १६ देखो को न देखा
१-२के भग नियंच गति में
मंग मम्यक्त्व कोन १६ देखा |१-१-१-३-१-१-१-३ के भगको० नं. १७ दखो कोन०१७ देखो (२) निर्यच गति में
१ मंग म म्यवस्व की० न०१३ देता।
१-१-.--: के मंग कोर नं. १८ देखो को नं०१७ देवो 1(8) मनुष्य गनि में
सारे भंग सम्बवत्व का नं०१७ देखो । १-१-१-३-३-२-३-२-को० न०१५देखा कोर्न १८ देखा (३) मनुथ्य गति में | सारे भंग १ सम्यक्त्व १-१-१-१-३ के भंग ।
१- -२-२.१-१-२ को नं.१८ देखा कोल्नं०१८ दलो को० न० दख
के भंग १४) दवर्गान में
सार मंग १ मम्यवत्व को नं. १८ देखो ! १-१-१-२-१-२के भंग को० नं. १६ देखो कोन.१६ देखो (४) देवगनि में
मारे भंग
सभ्यरष क्रा० नं. १६ देखो
-१-३ के भंग कोन०१६ देखो कोनं०१६ देखो
का० नं०१६ देखो १८ यज्ञी २ ।
१ प्रवस्था
१ भंग १अवस्था । संजी, संजी ) नरक-मनुष्य-देवनि में कोम १६-4-कानं.१.१(१) नरक-मनुष्य-देवगति को.नं. १६-१८- कोन०१६-१८.
में हरेक में
१६ देखो १६ देखो मशी जानना
१मजी जानना चीन?:-14-2 ।
का नं. ८-१८-१९ । दखा ।(B) मिच गति में । भंम १ प्रवस्था (नियंच गति में
१ भंग १ अवस्था 1-1-1-7 के भगवां नं १७ देखा कोनं०१७ देखो -१-१-१-१-१ को भंग झा००१७ देसो कोनं०१७ देखों कारन०१३ देखा
कोनं०१७देखो । १६ माहारक
१भग १ अवस्था माहाक, प्रनाहारक (१) नाक-देवमनियों में की.नं०१६-१६ को० नं०१६-१६ (१) नरक-देवनि को न.१-१६ कोन०६१-१९हरकम
देखो हरेक १ साहारक जानना
१-१ व भंग को नं०१-१२ दवा
को० न०१-१६ देखो