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२४. २५
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अवगाहना ३ हाथ से ५२५ धनुष तक जानना ।
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बंध प्रकृतियां - १७
उदय प्रकृतियां - ६०
को० नं० १० देख
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सत्य प्रकृतियां - १४२-१३६-१३० - १०२ को० नं० १०
संख्या - २६६ र ५६८ को० मं० १० देख
क्षेत्र- लोक का प्रसंख्यातवां भाग जानना ।
स्पर्शन- लोक का प्रसंख्यातवां भाग जानना
( ४८५ )
काल- नाना जीवीं की अपेक्षा एक समय से प्रन्तर्मुहूर्त तक जानना एक जीव की रक्षा की वाले अन्तर्मुहूर्त से प्रन्तर्मुहूर्त जानना और उपशम श्रेणी वाले एक समय से अन्तर्मुहूर्त तक जानना ।
अन्तर- नाना जीवों की अपेक्षा क्षपक थेली में एक समय से ६ महीने तक जानता और नाना जीवों को अपेक्षा उपास शो में एक समय से व पृथक्त्व जानना और एक जीव की अपेक्षा उपशम श्रेणी में अन्त हुनं दोन अर्ध पुद्गल परावर्तन काल तक सूक्ष्म सांपराय संयम धारण न कर सके
छाति (योनि) १४ लाख मनुष्य योनि जानना । कुल - १४ लाख कोटिकुल मनुष्य गति के जालना ।