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स्थान सामान्य मालाप
१
१ गुग्गु स्थान
१२
१ से १२ तक के गुर स्थान
२ जीव समा
चौंतीस स्थान दर्शन
एकेन्द्र सूक्ष्मपर्याप्त
३ पर्या
४ प्राण
५. संजा
६
को० नं० १ देखो
१०
को० नं० १ देखो
४
को० नं० १ देखो
६ गति
७ इन्द्रिय जाति
को० नं० १ देखो
१
पंचेन्द्रिय जाति |
पर्यास
नाना जीवों की अपेक्षा
३
१२
चारों गति में १ से १२ तक के
अपने अपने स्थान के समान गु० जानता को० नं० २६ देखो
( २५६ } कोष्टक नं० ३६
१
चारों गतियों में हरेक में
१ मुंजीचे पर्याप्त अवस्था जानना
चारों गतियों में हरेक में
६ का मंग को० नं० २६ देख
と
चारों गनियां जानना
L
१ चारों गतियों में हरेक में १ मंत्री पंचेन्द्रिय जाति
१० चारों गतियों में हरेक में
१० का भंग को० नं० २६ देखो
Y
चारों गतियों में हरेक में
को० नं० २६ के समान भंग जानना
एक जीव के नाना समय में
i
असत्य मनोयोग या उभय मनोयोग में
अपर्याप्त
सारे गुण स्थान प
मारे गुण जानना
१ मंग
६ का भंग जानना
१ भंग
अपने अपने स्थान के एक एक भंग जानना सारे मंग अपने अपने स्थान के सारे नंग जानना
एक जीव के एक समय में
१ गुण स्थान १२ में से अपने अपने स्थानों में से कोई
१ गु० जानना
१
१ भंग ६ का भंग
१ भंग अपने अपने स्थान के एक एक भंग जानना १ मंग
अपने अपने स्थान के सारे मंगों में से कोई १ भंग जानना १ गति चारों में से कोई १ गनि चारों में से कोई १ गनि
१ गति
I
१
६-७-८
सूचना – यहां पर अपर्याप्त नहीं होता है ।