________________
अवगाहना-को० नं १६ मे ३४ देखी। अंघ प्रकृतिया-१ले २२ ३रे गुण में कम से ११-१०१-१४ प्रकृति का बन्ध जानना, को० नं० २६ देखो। सक्ष्य प्रकृतियो-" " " " ११७-१११-१०० प्रकृति का उदय जानना, " " " प नि " ""
" E-H-४० एकति का सखजानना. " " " संस्था-असंख्यात जानना ।
क्षेत्र- लोक का प्रसंख्यात जानना। ___ स्पर्शन–नाना जीवों की अपेक्षा सर्वलोक जानना । एक जीव की प्रपेशा लोक का प्रसंख्यातवां माग मारणांतिक समुदधात की अपेक्षा त्रसनामी
की अपेक्षा जानना और 'राजु १६वें स्वर्ग का देव ३रे नरक तफ जाने की अपेक्षा जानना । काल - नाना जीवों की अपेक्षा सर्वकाल जानना । एक जीव का अपेक्षा एक समय से ३३ सागर तक ७वें नरक की अपेक्षा आनना। प्रतर-नाना बीवों की अपेक्षा कोई अन्तर नहीं, एक जीव की अपेक्षा अन्तर्मुस संस्था पुगत परान कामक कुपवधि शान
प्राप्त न कर सके। बालि (पोनि-२६ लाख योनि जानना । (विगत को नं० २६ देखो) कुल-१६॥ लाल कोटिकुल जानना ।