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चौंतीस स्थान दर्शन
कोप्टक नं० ६.
अवधि ज्ञान में
कोन. ६० देखो
को न
देग्यो
।
० रूपयोग
नोपयोग , दर्शनोपयोग३,
१ भंग १ अवस्था
कोल्न ६. देखो . | भंग उपयोग
१ उपयोग (१) नरक गति में
'Y का भंग जानना के भगों में ! (नरक गनि में वसपन जानना पर्यामवन जानना ४ का भंग भंग
मे कोई १ उपयोग ४ का भग वो नं. १६ के ६ के :
| जानना नो नं.१६ के के भंग में मे मति-धूत ये २
भंग में ने पर्याप्तवन २ जान घटाकर ४ का भंग |
जान घराकर ! का भंग जानना
जानन .(२) नियंच गति में । १भंग १ उपयोग नियंच गनिमें १ भंग १पयोग
४-४ के मंग ऊपर । ४-४ के भगों में गे ४.४ के मंगों भोग भूमि की अपेक्षा ४ का नंग जानना ४ के भंग में से के नरक गति के समान कोई १ भंग जानना में से कोई | ४ भंग ऊपर, के
कोई १ उपयोग को नं. १७ के ६ के १ उपयोग नरक गति के समान |
जानना भंग में से २ जाने
जानना जानना घर कर ४-४ के मंग
(२) मनुष्य गति में मारे भंग . उपयोग जानना
१-४- के भंग
-४-४के भंगों में ४-४४ के भंगों (२) मनुष्य गति में
मारे भंग उपयोग को नं. १० के ६-६- से कोई १ भंग में से कोई ४.-५-४-५-४ के भंग ५-४-५-४ के मान! ४-५-४-५-४ के के हरेक भंग में में जानना १ उपयोग को० नं०१८ के 4-9- भंग जानना । सारे भंगों में मे पर्याप्तवत २ जान घटाकर
जानना ६-७-६ के हरेक भंग में
कोई १ उपयोग ४-४-के भंग जानना । से ऊपर के समान जान जानना (४) देवप्न में
भंग १उपयोग घटाकर ४-५-४-२-४ के
४-४ भंग ऊपर के ४-४ चे भंगों में से ४-४ के मंगों में भंग जानना
नाक गति के ममान कोई भंग जानना से कोई (४) देव गति में १ भंग । १ उपयोग | जानना
१ उपयोग ४का भंग ४ का अंग जानना ४ के भंग में मे |
जानना ऊपर के नरक गति के
| कोई १ उपयोग। ममान जानना
जानना