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चौंतीस स्थान दर्शन
२५.
"को० नं० १ देवा |
११ कषाय
१२ ज्ञान
कुवमधि ज्ञान, मनः पर्ययज्ञान ये २ टाकर
(1)
२
Y
को० नं० १८ देखो
१३ संयम
१४ दर्शन
को० नं० १८ देखो
१५ लेश्या
को० नं० १ देखो
३-४.५
( २८४ } कोष्टक १० ११
(२) मनुष्य गति में -१०-२-१ के मंग-को० नं० १० देखो २५ १) निर्यच गति में
२४-०-२५-०५-२३-२५-२४-१६ के भंगको० नं० १७ के समान जानना (२) मनुष्य गति में २५-१६-०-२०१६ के भग-को० नं० १= के समान जानना
(१) दिर्यच गति में
२-२-२ के मंग-को० नं० १७ देखी (२) मनुष्य गति में
२-३-१-२-३ के भंग-को० नं० १= देखो
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(१) तिर्यंच गति में १-१ के भग-को० नं० १० देखो (२) मनुष्य गति में १-१-१ के मंग-को० नं० १८ देखी
४
(१) तिच गति में १-२-२-२-३ के भंग को० नं० १७ देखी (२) मनुष्य गति में २-३-१-२-३ के भग-को० नं० १८ देतो
(१) नि गति में ३-१ के मंग-कां० न० १७ देखो (२) मनुष्य मति में ६-१-१ के मंग-को० न० १८ देखो
श्रदारिक मिथकाय योग में
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मारे मंग
को० नं० १८ देखी मार भंग को० न० १७ देखी
सारे भंग को० नं० १= देखो
१ भग को० नं० १७ देखी
गारे भंग को० नं० १० देखी १ मंग को० नं०१७ देखो सारे भंग को० नं० १८ १ मग को० नं०१७
सारे भंग को० नं० १८ देखी १ भंग को० नं० १७ देख
सारे भंग क० मं० १८ देखो
१ बेद
को० नं०] १८ देखो १ भंग को० नं० १७ देखो
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१ भंग क० न० : देखो
? ज्ञान को मं० १७ देखो
१ ज्ञान को० नं०] १८ देख ९ संयम को० नं० १७ देवी
१ संयम को० नं० १० देखो १दर्शन को० नं० १७ दलो
१ दर्शन
को० ५० १८ देखी १ लेस्या को० नं०] १७ देखी
१ लेश्या को० नं० १८ देखो