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चौतीस स्थान दर्शन
( २८३ ) कोष्टक नम्बर ४१
श्रोदारिक मिथकाय योग में
७.७-६-५-४-३-७ के मंग-कोनं०१७ के समान जानना
म२) मनुष्य गति में ७-२-० के भंग-कोनं०१८ देखो
सारे भंग को. नं. १८ देखो
५ संज्ञा . को००१ देखो
को २०१८ देखो
१ मंग को० नं० १७ देखो
को० न०१७ देखो
(१) तिथंच गति में ४.४ मंग-फो.नं. १७ देखो
(२) मनुष्य गति में ४-७-४ के भंग-को. नं.१८ देखो
सारे भंग को० नं०१८ देखो
१ भंग | कोनं १ देखो
(१) तिर्यच गति (२) मनुष्य मति
६ गति
त्तियंच मति, मनुष्य गति ७ इन्द्रिम जाति ५
को० नं. १ देखो।
५
दोनों में से कोई १ गसि, दो में से कोई १ गति १जाति
१ जाति को० नं० १७ देखो को. नं०१७ देखो
(निर्यच गति में ५-१ के भंग को नं.१७ देखो
(२) मनुष्य गति में १ संनी पंचेन्द्रिय जाति-को० नं० १८ देखो
(१) तिथंच गति में ६-४-१ के मंग- को० नं० १७ देखो
(२) मनुष्य गति में १ त्रसकाय-को.नं० १% देखो।
सारी जाति को.नं. १८ देखो
काय को नं०१७ देखो
१ जाति को.नं०१८ देखो
१काय | को० नं०१७ देखो
काय
__ को० नं. १ देखो
सारे मंग को००१८ देखो
काम | को.नं०१८ देखो
योग
मिश्रकाय योग
(१) तिर्यच गति में-पौ० भित्रकाय योग जानना
को न०१७ देखो (२) मनुष्य गनि में-प्रो. मिश्रकाय योग जानना
को० नं०१- देखो
१० बेद
को.नं.१देखो।
| को० नं.१७ देखो
(१) तियन गति में
| को०० १७ देखो 1-1-1-1-३-२-१ के भंगको नं. १७ के | समान जानना