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चौतीस स्थान दर्शन
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२३ भाष
३४
कुज्ञान ३ दर्शन २, लयि ५ गति ४ कपास ४, लिंग ३. लेश्या ६, मिथ्यावदर्शन १, असंयम १ अज्ञान १, असिद्धत्व १, पारिणामिकभाव ३ मे १४ जानना
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(१) नरक गति में
२६-२४ के भंग-को० नं० १६ देखो
(२) तिच गति में
मारे भंग
२४-२५-२७-३१-२६-२७-को० नं० १७ देखी
२५ के भंग को० नं० १७ देखो
(३) मनुष्य गति में
३१.६६-२७-२५ के मंग को० नं० १८ देखो (४) देवगति में
२५-२३-२७-२५-२४-२० के भग-को० नं० १६ देखो |
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(१६०)
कोष्टक नं० ५१
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सार मंग को० नं० १: देखो
सारे भग को० नं० १५ देखो
सारे भंग को० नं० १६ देखो,
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३३
१ भंग को० नं० १६ श्रवधि ज्ञान घटाकर देखो
(12)
१ मंग को नं० १७ दखो
१ मंग को० नं० १६ देखो
घटाकर ४०-३५-३६-३४ के भंग जानना
१ मंग को० नं० १६ देखो
अनन्तानुबंधी ४ रुपयों में
सारे मंग को० नं० १६ देखो
(१) नरकगति में
२५ का मंग को० नं० १६ देखो
(२) नियंच गति में २४-२५-२७-२७-२२-२३ को० २५-२५-२४२ के भंग को० नं० १७ देखो (३ मनुष्य गति में सारे भंग ३०-२६-२४-२२ के मंग को० नं० १८ देखो को० नं० १८ देखो (४) देवगति में
सारे भंग नं० १७ देखो
सारे मंग २६-२४-२६-२४२६-२१ को० नं० १६ देखो के भंग को० नं० १९
देखो
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१ मंग को० नं० १६ देखो
१ मंग को० नं० १७ देखो
१ मंग को नं० १८ देखो
१ मंग को नं० १९ देखो