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अवगाहना-३॥ हाय से लेकर ५२५ धनुप तक जानना । बंष प्रकूलियां-११-१२-१३वें गुण में एक साता वेदनी का वन्ध जानना, १४ मुरण में प्रबन्ध जानना । आय प्रकृतियां--११-१२-१३-१४३ गुण में कम से ५६, ५७, ४२, १२ प्र० का उदय जानना को नं० ११ से १४ देखो। सस्व प्रकृतियां-११-१२-१३वे गुण में क्रम से १३६. १०२, १७१, ०५ और १४२ गुण में ८५-१६ प्र. का सना जानना ।
क्रम में #vivi ।। सक्या-को० न० ११ मे १४ के समान जानना । क्षेत्र-लोक का असंख्यातो भाग कपाट समुपात की अपेक्षा जानना । प्रत्तर समुद्यात में असंख्यात लोकप्रमाण जानना और लोवपूर्ण समुपात
में सर्वलोक जानना । को० नं०१३ देखो। स्पर्शन-ऊपर के क्षेत्र के समान जानना । काल-माना जीवों की अपेक्षा सर्वकाल जानना । एक जीव की अपेक्षा माठ वर्ष अन्तम इतं कम कोटि पूर्ववर्ष तक जानना, उपशम श्रेणी
को प्रपेक्षा एक समय से मन्तमुंहतं तक जानना, मोरक्षपक थेगी को अपेक्षा मन्तमु हनं देशोन' कोटि पूर्व वर्ष तक जानना । अन्तर--नाना जीदों की अपेक्षा कोई अन्तर नहीं । एक जीव को अपेक्षा अन्तमुहूर्त मधपुद्गल परावर्तन काल तक ११वां गुण स्थान प्राप्त
न कर सके। जाति (योनि)- १४ लाख मनुष्य योनि जानना । कुल–१४ लाख कोटिकुल मनुष्य के जानना ।