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चौतोस स्थान दर्शन
कोष्टक नं०५०
अपगत वेद में
७इन्द्रिय जाति संज्ञी पंचेन्दिय जाति मंत्री पंचेन्द्रिय जाति
मंजी पंचेन्दिय जाति . काय सफार प्रसकाय जानना
प्रमकाय जानना सारे भंग योग
सारे अंग । १योग मनोयोग ४, बचन- . मो० मिश्रकाययोग १, अपने अपने स्थान के प्रपने अपने स्थान चौ. मित्रकावयोग १ २ का भंग २ में से कोई योग ४, प्रो० मिध- | मियकायमांग सारे भग जानना ' के मंगों में से । कारिग काययोग को नं०१८ देखो । १ योग जानना काययोग पौ० काय- ये २ घटाकर (६) को० न०१८ देवो कोई १ योग २ जानना
को.नं०१८ देखो योग, कार्मारा काय- (1) मनुष्य गति में
! जानना (१) मनुष्य गति में योग १ये ११ जानना --३-० के भंग
कोल्न १८ देसो २ का भग को नं०१- देखो
को० नं०१८ देखो १० वेद
सूचना-नवें गुरण स्थान के
मवेद भाग मे १४वें गुगण स्थान तक अपगत वेद जानना।
को. नं०१८ देखो ११कषाय
सारे भंग भंग
| सारे भंग । भंग संज्वलन क्रोध-न-|(1) मनुष्य गति में अपने अपने स्थान के अपने अपने स्थान (१) मनुष्य गति में
.. माया-लोभ कषाय
४-३-२-१-१-०के भंग | सारे भंग जानना के अंगों में से । (0) का भंग को नं०१५ देखो कोनं०१८ देखो ये ४ जानना
कोल नं०१८ के समान को० नं० १८ देखो| कोई १ कयाय को न १८ देखो जानना
जानना
कोनं०१८ देखो १२ जान सारे मंगजान
१जान
जान माति-पत-भवधि- १)मनूष्प गति में
अपने अपने स्थान के अपने अपने स्थान (१) मनुष्य गति में कोनं०१८ देसो कोन०१५ देखो मनः पर्यय केवल ज्ञान ४-1 के भंग
| गारे भंग जानना । के मंमा में से का भग ये ५ जान जानना को० न०१८ देखो को न दखो कोई १ज्ञान को नं. १८ देखो १३ संयम सारे भंग १संयम
सारे मंग १संयम सामायिक, छेदोप- (१) मनुष्य गति में अपने अपने स्थान के अपने अपने स्थान (१) मनुष्य गति में को १८ देखो को नं०१८ देखो २-१-! के भंग
१का मंय