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( २६३ ) कोष्टक नं०३७
चौंतीस स्थान दर्शन
सत्य वचन योग में
६.७.८
७ इन्द्रिय जाति
पंचेन्द्रिय जामि ।
चारों मतियों में को.नं०२६ के समान मंग जानना
८ काय
जगकाय ।
नामें भरिपो0१६ मकान भंग | जानना
योग
सत्य बनन योग।
चारों मतियों में हरेक में १ सत्य वचन पोग जानना
१० वेद
नं० १ देखो
चारों पतियों में हरेक में को०२०२६ के समान भंग जानना
को० नं०१ देखो।
• २५ चारों गतियों में हरेक में को.नं. २६ के समान जानना
१२ ज्ञान
को.नं० २६ देखा
चारों गतियों में हरेक में को नं० २६ के समान भंग जानना
अपने अपने स्थान के अपने अपने स्थान के सारे भंगों में से कोई भंग । मंगों में से कोई १ वेद जानना
जानना सारे मंग अपने अपने स्थान के अपने अपन स्थान के सारे भंग जानना भंगों में से कोई भंग का० न०१८ देवो । जानना सारं भंग
१भान अपने अपने स्थान के | भगने अपने स्थान के सारे भंग जानना भगों में से कोई १ जान
जानना सारे भंग
| संयम अपने अपनं म्यान.के | सपने अपने स्थान के सारे अंग जानना | भंगों में से कोई संयम
जानना सारे भंग
दर्शन अपने अपने स्थान के अपने अपने स्थान के सारे भंग जानना भंगों में से कोई १ दर्शन
१३ संयम
को० नं० २६ देखो
चारों गनियों में हरेक में को० नं. २६ के समान भंग जानना
१४ दर्शन
को० नं० २६ देखो
चारों गतियों में हरेक में कोनं० २६ के समान जानना
ानना