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१
२४
२५
२६
२७
२८
२६
३०
(हिमक+हस्य)
कषाय २५, सत्य वचनयोग १ ये ४३ जानना २३ भाव
३१ ३२
३३
चौतीस स्थान दर्शन
३४
२
73 को० नं० २६ देखो
को० नं० ३५ के समान भंग जानना
परन्तु यहां सत्य मनोयोग या अनुभव मनोयोग
के जगह सत्यवचन योग जानना
५३
चारों गतियों में हरेक में
को० नं० २६ के समान भंग जानना
वाहना की० नं० ३६ के समान जानना ।
बंध प्रकृतियाँ को० नं० २६ के समान जानना ।
नय प्रकृतियां - १०६ को नं० 2 के ममान जानना ।
सत्य प्रकृतियां - १४०
२६ के समान जानना ।
संख्या असंख्यात जानना ।
क्षेत्र - नाना जीवों की अपेक्षा लोक का संस्थानां भान स्पर्शन-नाना जीवों की अपेक्षा सर्व नोक जानना (को० नं० २६ देवो)
( २९५ ) कोष्टक नं० ३७
४
"
सारे भंग जानना को० नं० १८ देख
सारे मंग आपने अपने स्थान के सारे संग जानना को० नं० १८ दे
सत्य वचन योग में
सारे भंगों में से कोई १ भंग जानना
१ मंग अपने अपने स्थान के सारे भंगों में से हरेक भंग में से कोई १ भंग जानना
1
मनुष्य लोक (पढ़ाई द्वीप) जानना |
एक जीव की प्रक्षा लोक वा श्रसंख्यातवां भाग राजु जानना ।
६-७-८
काल नाना जीवों की अपेक्षा सर्वकाल जानना
एक जीव को अपेक्षा एक समय से अन्तर्मुहूर्त तक जानना ।
अन्तर—नामा जीवों को पेक्षा अन्तर नहीं, एक जीव की अपेक्षा अन्तर्मुहूर्त से अनख्यात पुद्गल परावर्तन काल के बाद सत्य वचनयोग जरूर
धारण करना पड़े ।
जाति (योनि) - २६ लाख योनि जानना १ (को नं० २६ देखो ) कुल – १०८ ।। लाख कोटिकुन जानना ।
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