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१
चौतीस स्थान दर्शन
२
३
T
३२ गुण में २० की भंग ऊपर के २४ के भंग में से अनन्तानुबंधो कपाय ४, घटाकर २० का भंग जानना
(२) नव देयक के देवों में १] २ गुण० में
के भंग में से स्त्री वेद ? घटा कर २२ का भंग जानना ३रे ४वे गुण० में
।
१६ का भंग ऊपर के २३ के भंग में से अनन्ता बंधी कृपाय ४ पटाकर १६ का ग जानना (३) नव अनुदिश और पंचा तर विमान में
४ये गु० में १६ का भंग ऊपर के २३ के भंग में ने अनन्तानुबंधी
कपाय कर १६ का भंग जानना
( १५८ )
कोष्टक नम्बर १६
सूचना-परन्तु हरेक मंग में नपुमक वेद छोड़कर २ वेदों में से कोई १ वेद जानना ३२ ४थे गु० में ६-७-८ के भंग को० नं० १८ देखो परन्तु सूचना ऊपर के नमान जानना १ र गुण मे _७-=-६ के भंग २३ का भंग ऊपर के २४० न० १० देखो
६-७-८ के मंग (२) १ मे १६ स्वयं में में से कोई १ १ले २२ गुण ० मे भंग जानना
|
४ का भंग एक
*
परन्तु सूचना ऊपर
के समान जानना
३९ ४६ गुण० मे
६०७-८ के मंग को० नं० १० देखो परन्तु सूचना ऊपर के समान जानना
७८-६ के भंगों
में से कोई ? भंग जानना
|
४वे गुण० में ६-७-६ के मंग हो० नं० १० देखो परन्तु सूचना ऊपर के समान जानमा
६-७ के मंग में से कोई १ भंग जानना
६
:
१६ का मंग पर्यात के २० के मंग में में स्त्री वेद घटाकर १६ को
नपुंसक वेद घटाकर २४ | परन्तु सूचना ऊपर
का भंग जानना ४ गुर० में
जाता
(३) नवरों वेयक में १ले २३ गुगा में २३ का मंथ पर्यासवतु जानना ॐयं नूगा में १६ का भंग पर्यावतु जानना (४) शिर पंचान्तर] देवों में
3
जिथे गु० में १६ का मंग पर्याप्तवत् जानना
देव गति
१ले २ रे गुरा में ७-८-९ के भंग को० नं० १८ देखो
|
७
भंग जानना
सुचना सम्प्रहृष्टि मर कर स्त्री पय में नहीं
|
के समान जानना
४
०
६-७
मंग
को० नं० १ देको
परन्तु सूचना ऊपर के समान जानदा
८
७ ८-६ के गंगों में से कोई १ | भंग जानना
१ले मरे र गु० में ७-०६ के भंग को० नं० १८ देखी परन्तु गुचना ऊपर के गरन जानना गुगा में के मंग
६
को० ० १ ख परन्तु सूचना ऊपर के समान जानना ४ गुर० में ६-७-८ के भंग को० नं० १८ देखो'
६-७-८ के मंर्मों
में से कोई १ भंग जानना
७ ८-६ के मंग में से कोई १ भंग जानना
-७-८ के अंगों में से कोई १
भंग जानना
६-७-८ के भंग पें से कोई मंग जानना