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१२ ज्ञाग
फोटोस स्थान दर्शन
कुशान ३, ज्ञान
ये ज्ञान जानना
**.
८
२५. २१-१७-१३-११-१३-७-६ ५-४-३-२१-१-० के भंग को० नं० १८ के समान
जान
(४) देवगति में
२४-२०-२३-१६-१६ के भंग
को० नं० १६ के समान जानना
(५) मोग भूमि में
तियं च मनुष्य गति में
२४-२० के मंग को० नं० १७
१८ के समान जानना
(२) तिर्यच गति में
३-३ के भग को० नं० १७ के समान जानना
८
(१) नरक गति में
सारे भंग १ ज्ञान सूचना - अपने अपने भू-वन अपने ३-३ के नंग को० नं० १६ स्थान के सारे मंग स्थान के गंगों में जानना कोई १ ज्ञान जानना
के समान जानना
(३) मनुष्य गति में
३-४-३-४-१ के भग
को० नं० १८ के समान जानना
(४) देव गति में
३-३ के मंग को नं० १९ के समान जानना
(५) भोग भूमि में
( २०४ ) कोष्टक नं० २६
तिर्यच. गति में मनुष्य
३-३ के भंग को० नं० १७१८ के समान
२५- १६-११-० के भंग
को० नं० १ के समान | जानना
(४) व गति में
२४-४४-१६-२३-१२-१६
के भंग को० नं० १२
I
समान जानना
((2) भाग भूमि मे
नियंच गति मनुष्यगतिमें २४-१६ के भग को० नं० १७-१८ के समान जानना
अवधि ज्ञान १, मनः पर्व ज्ञान ये घटाकर (६) १) नरक गति में
संज्ञी पंचेन्द्रिय जीवों में
२-३ के मंग को० नं०
१६ के ममान जानना
(२) तियंच गति में
२ का भंग को० नं० १ के समान जानना
(३) मनुष्यगति के
२-३-३-१ के भंग कां० नं० १८ के समान जानना (४) देवगति में
८
१ ज्ञान
सारे भंग सूचवा -- पर्या पर्याप्तवत् जानना
जानना
२-२-३-३ के भग को ० नं० १३ के समान जानना (५) भोग भूमि में "तियंचगति मनुष्यगति में