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१२ संयम
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चौंतीस स्थान दर्शन
!
असंयम, संयमासंयम सामायिक, छेदोपस्थापना परिहारविशुकि मूक्ष्मसपाय, यथास्यात ये ७ संयम जानना
१४ दर्शन
दर्शन वर्ध अवधिदर्शन, केवलदर्शन ये ४ दर्शन जानना
३
७
(१) नरक देव गति ये १ का भंग
के समान (२) तिबंध गति में
१-१ के भंग को० नं० १३ देखो
(२) मनुष्य गति में १-१-१-२-१२-१-१ के मंग
को० नं० १ देलो
में
नं० १६-१६
(४)
मनुष्य
गति में
१ का भंग को० नं० १७-१८ समान जानना
४
(१) नरक गति में २-३ के भंग को० नं० १६ के समान (२) तिर्यच गति में २-२-३-३ के मंग को० नं० १७ के समान जानना (३) मनुष्य गति में
२- ३-३-३-१ के मंग को०
नं० १८ के समान जानना
४
( २०२ ) कोष्टक नं० २६
सारे मंग सूचना-अपने अपने स्थान के सारे भंग जानना
सारे भंग सूचना-अपने अपने स्थान के सारे भंग जानना
9.
संयम अपने अपने स्थान के मंत्रों में से कोई १ संयम जानना
१ दर्शन अपने अपने स्थान के भंगों में से कोई १ दर्शन
जानना
२-३ के मंग की मं
| १७-१८ के समान जानना
४
संयम, सामायिक ना और यथाख्यात मे ४ जनता (१) नरक देव गति में १ का मंग को० नं० १६
१६ के समान जानना
(२) नियंच गति में
१ का भंग को० नं० १७ के समान जानना
(३) मनुश्य गति में
१-२-१ के भग को० नं०
I
१६ के सपान जानना
(४) भोगभूमी में नियंच ममत
'? का भंग को० नं० १७१= के समान जानना
४
(१) नरक गति में २-३ के भंग को० नं० १६ के समग्न जानना (२) तियंच गति में २-२ के भंग को० न० १७ के समान जानना
(३) मनुष्य गति में २-२-३ १ के मंग को० । नं० १८ के समान जानना
सी पंचेन्द्रिय जीवों में
५७
सारे भंग सूचत्रा पर्याप्तवत् जानনা
सारे भंग सूचना --- पर्याप्तवत्
जानना
८
१ संयम पत् जानना
१ दर्शन पत् जानना