________________
चौतीस स्थान दर्शन
कोष्टक नं. २४
चतुरिन्द्रिय
इन्द्रिय जाति १
:
योग को० न० २२ देखा
योग २के भंग में से कोई याय
१० बंद
को.नं० २२ देखो ।
१निर्यच गति
तियच गति रेल गुग्ग में
१२ रे गुगल में १ चरिदिय जाति
१ चतुरिन्द्रिय जाति ।। न मुग. में
स २रे गुरण में १ चमकाय
१ नमकाय १ भंग योग ।
१ मंग को न०२२ देखो
२ का भंग के भंग में में | को० नं० २२ देबो ! २ का भंग
| कोई १ योग । १वे मुगमें
ले गुग्ण : में १ नपुंसक बंद
१ नपुंसक वेद सारे भंग | १ मंग।
| सारे मंग ले गण में ७--६ के भंग । ७-८-8 के १०.२ मुम
..- के भंग २३ का भंग को.नं०१७ को.नं.१६ देखो। भंगों में से २३ का भंग के समान जाननना
कोई १ भंग पर्याप्तयत् | १ भंग १जान
२
१ भंग १ले जुमाल में
२का भंग | २ के भंग में | ले २र गुण ये २ का भंग २ का भंग को० नं०१७
से कोई १
२का भंग पर्याप्तवत् । के समान जानना
जान श्ले गुरण में
ले २रे गुण में १ असंयम
१ असंयम १दर्शन
१ मंग १ले गुण में
२ का भंग | २ के मंग में ले २रे गुण में २ का मंग २ का भग को. नं०१७
से कोई१ का मंग प-प्निवत के समान जानना
दर्शन १ भंग लेण्या ।
१ भंग १ने गुण में २का भंग के भंग । १ले २रे गुन्ग में
का भंग ३ का भंग को० नं. १
1 में से कोई १ । ३ का भग को के ममान जानना
नेश्या । नं. १७ के समान
जानना
१ मंग
-7-0 के मंगों में से कोई भग
गान २ के भंग में से कोई १शान
१२ ज्ञान
कुमति कुश्रुत
१३ संयम १४ दर्शन
अचक्षुदर्शन, चक्षुदर्शन |
दर्शन २ के भंग में कोई १ दर्शन
१५ नेच्या अमलेश्या
।
१ लेण्या
के भंग में से कोई एक
लेल्या