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चौतोम स्थान दर्शन
कोष्टक नम्बर १७
तिर्यच गति
१२ जान
कूज्ञान ३, नान ३ ये ६ जान जानना
२० का मंग में से एक नायक को नं.१ देशों में से कोई
१ भंग
ना वेद पटाकर, २० का भंग
भंग यबधि ज्ञान घटाकस) जानना
२-२-केभग १ भंग
११) कर्म भूमि में --:-- के भंग
रले २रे गृगग में नरेगुगा में १ के भग में से (१) कर्म भूमि में
का भंग कुमति कृति. २ का मंग कोई१ ज्ञान लेना में ले गग्गल में के भंग में ये ये कुजान जानन
जानना २ का भंग एमन्द्रिय में अनजी का भंग कोई१ जान चा मृगग यहां न होना पंचेन्द्रिय नक के जीवों में
जानना
(1) भोग भूमि में कुमनि, कुश्रुनि २ जान .
ले गृगग में जानना
२ का भंग कुमनि, कुधन ल नु ग्म में १-.-३ मुगग. में ६ केभंग में में ये कुजान जानना का भंग मनी पंचेन्द्रिय में ३ का भंग कोई १ जान .. गुग्ग में
भ गृग म ३ के मंग में मे कुमनि, कुश्चति कमवधि ३
जानना ३ का भंग मनिधन ३ का भंग कोई ज्ञान कुजान जानना
अवधिनान व ३ नान
जानना व ५ गुग में
उंच गगा में ३ केभंग में ने जामना ६ का भंग मति, अति अवधि : का भग कोई जान जान इन तीनों का भंग जानना
जानना बोग भूमि में " १-:-: गुगए में
-:-नगर में कभंग म में ३ का भंग तीन गृजान ३ का भंग कोई१ जान जानना
जानना ४य गुगा. में
है गुगाल में के भंग में में का भंग मनि कुल-अवधि का भंग कोई एक जान. जान ये : मान जा ना
जानना
सबम १-१-१-* भंग
१ संयम (१) कर्म भूमि में
(1) कर्म भूमि में म ४ गुग में १ म मा में समयम पल रे गुग में | १ले रे गुग्ग में १ असंयम
असंयम, मयमासंयम ये मयम
जानना