________________
चौंतीस स्थान दर्शन
·│
१
१४ दर्शन
अचक्षु दर्शन चक्षु दर्शन
अवधि दर्शन
२
१.
१.
१.
४.
केवल दर्शन ये ४ दर्शन जानना
!
११ मे १४० म १ यथाख्यान संयम जानना (4) भांग भूमि में २ नं ४ गुरण ०
मं
१ असंयम जानना
८
२-३-३-१-२-३ के भंग
जानना
(१) कर्मभूमि में १ २रे गुगा० में
T
२ का भंग प्रचक्षु दर्शन १, चक्षु दर्शन १, ये २ का भंग
जानना
मेरे ४५वे गुला० में ३ का भंग अक्ष दर्शन १, चक्षु वर्णन १ धिदर्शन १,
ये ३ का भंग जानना ६ वें गुर० में
३ का संग औ० काययोग मौर आहार काययोग की अपेक्षा ऊपर के तीन ही दर्शन जानना ७ मे १२वे गुरुगु में ३ का भंग ऊपर के तीनों ही दर्शन जानना
!
१३ १४वे गुरण० में १ केवल दर्शन जानना (२) भोग भूमि में १ रे गुग मैं २ का भंग प्रचक्षु दर्जन १.
( १२५ ) कोष्टक नम्बर १८
१ यथाख्यत यम जानना
१ असयम जानना
सारं भंग
२ का मंग
३ का मंग
३ का मंग
३ का मंग
१ केवल दर्शन
जानना
२ का मंग
! यथाख्यात नयम
१ असयम
१ दर्शन
२ के भंग में से कोई १ दर्शन जानना
३ के भंग में से कोई १ दर्शन
जानना
१ केवल दर्शन
जानगा
२ के भंग में से कोई १ वन
जानना
5
२-३-३-१-२-३ के भंग
जानना
(१) कर्म भूमि में १-२ गुरुप में
२ का मंग पर्याव जानना
४ये गुल० मे ३ का भंग पर्याव
जानना
वे पु० में
:
i
मनुष्य गति
.
मारे भंग
२ का मंग
६ का भंग
३ का भंग प्राहारक मिश्रकाय योग की अपेक्षा. तीनों दर्शन जानना
जनना
१३ ये चरण० ० में १ केवल दर्शन १ का भंग केवल समृद घात की अवस्था में एक केवल दर्शन जानना (२) मोग में १ २रे गुण में
。
२ का भंग पर्याश्वत्
जानना ४ये गुरण० में ३ का मंग पर्यासवत्
२ का मंग
३ का भंग
१ दर्शन
२ के भगों में से कोई १ दर्शन जानना ३ के मंगों में से कोई १ दर्शन
जानना 28
६ केवल दर्शन
जानना
२ के मंद में से कोई १ बर्तन
३ के मंग में से कोई १ दर्शन जानना