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१३ मंयम
तीस स्थान दर्शन
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२
अभयम १, संयमासंगम १, सामायिक i संयम ! छेदापस्थापना है। परिहारविशुद्धि १. मूल्म मां १. में
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श्रे गुग्ग म
व का भगतो कुज्ञान जानना गुरुप में ३ का भगमति, श्रृत अर्था |
ज्ञान ज्ञान जानना
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-३-०-१-१-१ केभंग (१) कर्म भूमि में
१ से ४ गुबह मे
१ का भंग १ असंयम जानना
गुण ०
श्त्र गुण ० में १ यथास्यात १ का मंग १ संयमासंयम जानना । जानना के ६ का भंग काययोग की अपेक्षा सामायिक, दोपस्थापना, परिहारविशुद्धि ३ का
भंग जानना
२ का अंग श्राहारक काययोग को अपेक्षा सामायिक और छेदोप। स्थापना से २ का मंग जानना 19वे गुना में
३ का भय सामायिक, वेदोन| स्थापन, परिहारविशुद्धिये
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का भंग जानना ८६१० में २ का मंग सामायिक. छेदोपस्थापना ये २ का मंग जानना १०० ↓ १ सूक्ष्म सांपराय संयम जानना
( १२० ) कोष्टक नं० १८
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३ का भग
३. भग
मारे भंग
१ असंयम जलना
१ सयमासंगम
जानना २-३ के भंग जानना
३ का मंग
२ का मंग
गंग में कोई १ ज्ञान जानना के भंग में कोई ? ज्ञान
जानना
१ मंथन
१ असंयम जान
१ ममासंयमा
जानना
३-० के भंगों में कोई १ व
जानन
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१ सूक्ष्म सांपराय १ सूक्ष्म पराय संयम जानना संयम
aire सामायिक. स्थापना और यथाध्यान (४) १-२-१-१ के मंग (१) कर्म भूमि में १. २४० ? का मंग: एक संयम
जानना ६ वे गुण में २ का भंग मा० मिश्रकाययोग की अपेक्षा सामायिक, छेदोपस्थापना
२. का संग जानना सूचना प्राहारक मिश्रकाय योग में परिहारविशुद्धि संयम नहीं होता है। ३क मंग मेसे कोई १३ ये गुण● में १ संयम जानना १ का भंग एक यथाख्यात २के मंग मेसे कोई मंयम जानना संयम जानना (२) भोग भूमि में १ २२ ४ गुण ० ० मं १ यसंयम जानना
मनुष्य गति
मारे रंग
२ का भंग
८
१ श्रनयम जानता ? प्रसंयम जानना
१ मध्यम
असंयम
के मंग में से कोई १ संयम जानना
१ यथास्यात् संयम | १ यथाख्यात
जानना
संयम
१ श्रधम