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चौतीस स्थान दर्शन
कोष्टक नम्बर १८
मनुष्य गति
११ कषाय २५ (को० न०१ देखो)
14 भग पान
सूचना साहारव काव , इवेद भाग में कार्ड बंद हैही हाते
पानी का बंदीही होना । इसन्निर मृत्य का भंग जानना
है और गुरग३ ग्धान १२ रा १४व गुण म ।
! मिथ्यात्र ही रहता है । (-) मा भर पहा कोविंद
दिखा गा० का गा. नहीं होने इसलिय यहां भी ।
न्य जानना (२)भग भूमि में १४ गृणा में का भंग श्री-पुरुष
काई बंद । यंदा बंद जानना
. जानना सारे मंग , १ मंग
सारे भन .भंग २५-२९-१७-१३-११-१३ । अपने अपने स्थान । सारे भंगों में से २५-१९-११-१-२४-१४ अपने अपने स्थान | सारे अंगों में ७-६-५-४-३-२-१-१-०-२४.२० के सारे भंग नोई १ भंग | के मंग' जानना ! के सारे संग म कोई १ भंग के भंग जानना जानना । जानना (8) कर्म भूमि में
जानना जानना (२) कर्म भूमि में
| (१) कर्म भूमि में (१) कर्म भूमि में ब्ले रे गुगण में । (१) कम मूमि में (१) कर्म भूमिमें ने रे मुगाल में | ले गुरण में । १ले गुण में २५ का भंग ले रे गुण- में 5-1 के मंगों
२५ का भंग i६-७-८-₹ के भंग | ६-७-८-६ के | पर्याप्तवत् जानना . ७-८-6 के अंग । में से कोई सामान्यवन् जानना
जानना | भंगा में से चे गुगल में पर्याप्तवत् जानना | भंग जानना ३रे ४धे गुण में
का भंग कोई १ भंग १६ का अंग २१ वा भंग ऊपर के २५ | उपशम श्रेणी । जानना पर्याप्त के २१ के भंग पे गुण में |६-१-८ के भंगों के भंग में में अनत्तानुबंधी चढ़ते समय उवे
में से स्त्री-नपुसक वेद । ६-७-८ के भंग । में से कोई १ पाय ४. घटाकर २१ भंग | गुरण स्थान के प्रत
ये २ घटाकर १६ का पर्याप्तक जानना | भंग जानना जानना में जिस जोव ने
भंग जानना ५वे गुना में अनंतानुबंधी कषाय,
वे गुण में १७ का भंग ऊपर के २१ | का विसंयोजन
११ का मंग
वे गुण में । ४-५-६ ..गों के भंग में में अप्रत्याख्यान किया हो योर ११
पर्याववत् जानना ४-५-६ के भंग | में से कोई 1 कषाय ४, घटाकर १ का ये गुणस्थान से
१३वे गुस्स में पर्यावत् जानना | मंग जानना मंग जानना
उतर कर ले