________________
तास स्थान दर्शन
दर्शन १ जोड़कर २५ का भंन जानना
२७ का भग मी पद्रियजीवी म ऊपर के २५ के मन से स्त्री देद जोड़कर २७ का भंग जानना ३१ का मंग
पुरुष
संजी पंचेन्द्रिय जीवों में ऊपर के २५ के भग में कुप्रवत्रिज्ञान १. स्त्री पुरुष वेद २ शुभ श्या ३, ६ जोड़कर ३१ का भंग जानना २२ गुण मैं
२६ का भंग ऊपर के ३१ के भंग में से मिथ्या दर्शन १. श्रमव्य १, ये २ घटाकर २६ का भंग जानना ३२ गुग्गल में
३० का मंग ऊपर के २६ के भंग में अवधि दर्शन १ जोड़कर ३० का भंग जानना ४ये गुण में
"
६२ को भाग उपशम ज्ञयोपशम सम्यक्त्व २, ज्ञान ३ दर्शन व लब्धि ५ तिर्यचगति १. कषाय ४, लिंग ३, लेश्या ६ अभ्यम १ अज्ञान १, असिद्धत्व १. भव्यत्व १, जीव१ये ३२ का मंग जानना
( १०८ १ कोष्टक नं० १७
34
tr
२ गुणा में १६ का मंग को० नं० १५ देखो
३ गुण में १६ का मंग को नं० १५ देखो
४ये गुगा में १७ का भंग को० नं०१८ के समान जानना
५
में
१६ के अंगों से कोई १ भंग को० नं० १८ देखो
|
१६ के भंगों में से कोई १ भंग को० नं० १८ देखो १७ के गंगों में मे कोई १ मंग
बा ना
ज्ञान १ शुभ केला.
5 घटाकर २७ का मंग
मेरे मे २०२३२२ के भंग एकेन्द्र पं० तक के जीवों से जन्म लेने को अपना ऊपर के १ गुण व २४-२४२७ भंग में
से मिथ्यादर्शन
प्रभव्य र २२-२०
१२
२५-२४ के भंग जानना
आ नृप यहा नहीं होता (२) भांग भूमि में
१ ले गुण में २४ का भंग पर्याप्त के २७ के मंग में से कुछवविज्ञान १. शुभा ३ ४ घटाकर शेष २३ | में कापोन या १ जोड़ कर २४ का भंग जानना २२ गुण में २२ का भंग पर्यात के २५. के भंग में से कुछ विज्ञान शुभा ३, ये ४ घटाकर २१ में कापोत लेश्या १ जोड़कर २२ का भंग जानना
तियंच गति
गु० में १६ के भंगों में १६ का भंग को काई ? २०१० दे
जनना
१
गुगा में १७ का भंग को० नं० १८ देखी
२२ गुण० में १६ का मंग को० नं० १६ के समान
जानना
i
१७ के अंगों में मं कोई १ मंग जानना
१६ के मंगों में से कोई १ भंग जानना