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चौतास स्थान दर्शन
कोष्टक ने०११
उपशीत कषाय गुण स्थान
१५ मध्यक्रव
उषधामक्षाबिक म.
• का भग का नं० १८ क जिन
का अंग
१ सम्मपरख २के भंग में से कोई १ सम्यक् जानना
८ मंजी १६ माहारक २० उपाय
को नं. ६ देखा
मनी जानना ? पाहा रक जानना
३ का भंग की न.१% के मुजिब
! का भंग
का भंग
१उपमि 2 के भम में कोई
१ उपयोग जानना .
२१ ध्यान
पृथक्त्व वितर्क विचार शुक्ल त्र्यान
।
१ भंग
२ वानव को नं०५ देखो का भंग को २०१८ के मुजिय
है के भंग में में के भंग में से कोई
कोई योग . योग जानना २३ भाब
१ मंग को नं. ५ देखा । २१ का भंग को नं. १० के मुजिब
१५ का भंग । १५ के भमों में म कोई भागे में में मुभम लाभ
को नं. १५ के १मंग जानना सायिक चारित्र १२
मुजिब घट कर २१ भाव जानना
जानना २४ गाहनाको नं०१८ देखो।
बंब प्रकृतिषा-१ सातावदनीय जानना । उघय प्रकृतियाँ-५१ को न०१० के ६० प्रकृतियों में में मृध्म नोभ १ घटाकर ५६ जानना ।
मत्व प्रकृतियां-१४२, १३६ को न मुजिब जानना । मुचना:-यह गुण स्थान क्षगक अंगी वालों के नहीं होता है।
सस्षा-२६E इन जीव जानना। क्षेत्र-लांक का असल्यातवा भाग प्रमाण जानना । म्पर्शन-लोक का संख्यात्तवा भाग प्रमाण जानना । काख-अन्नहर्त में अतन्तमुहूतं तक जानना। अन्तर -एक समय में देशोन अर्घ पुदगल परावर्तन काल प्रमाण के बाद दुबारा उपशम अंगा मिलेगी। अति (योनि)-१४ लाख मनुष्य योनि जानना पुष१४ लात कोटिकुन मनुष्य के प्रानना ।
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