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चौतीस स्थान दर्शन
कोष्टक नं.१७
तिथंच गति में
६ का भंग के भंग में से । ६ काय म से! काय जानना
काय में से कोई : काय में से मानपदबाना | काई १ काय , कोई १ काय
रे गुगण में : १काय जानना कोई१काय २२ मे ५ गुगा में रे मे ५ मुरण में | जानना ४ काय पृथ्वी, जल, वनस्पति रे गुण में 1 काम में से १ सकाय जानना १ असकायमकाय अमकाय ये जानना
काय में से कोई | कोई १ काय [२) नाम भूमि में काय जानना । (२) भोग भूमि में
काय जानना | जानना १ मे गुरण में १मे ४ गुगा में १ सफाय | 2-2.6 गुगण में म
१ बसकाय चमकाय जानना | सकाय जानना जानना
१ त्रसकाय जानना १ त्रसकाय जानना जानना योग११
भंग १योग
१ भंग
योग प्रा. मिथकाय योग प्रो. मिथ काय योग ।
और मिथकाय योग १ | कामांग का योग
कारण नाय योग ग्रा० काय योग में घटाकर ()
ये२ योग जानना बै० मिश्वकाय मांग | १-२-१-६ के मन
१-२-१-२ के मंग १ (१) कर्म भूमि में
११) कर्म भूमि में 4. काय योग १ १ मे ५ गूग में १ मे ५ नुसा में के भंगों में में ले रे गा
में
-२ के भंगा में मे १-२ के भंगों में के ४ घटाकर (११) का भंग मंजी
का भंग कोई १ योग का भंग विरह गति में कोई भंग जानना , में कोई१ मंग पंचेन्द्रिय के मनोयोग ४, जानना कार्माग काय योग जानना !
जानना वचन योग, औ० काय '
२ का भंग माहार गर्याति योग काभंगों
के ममय कार्मारण काय योग । जानना
मौ० मित्रकाय योग ले नगा में
गुण में-१२- के भंगों . मंग जानना i- के अंगों में से का नंग दीन्द्रिय के भंगी में से कोई में में कोई ! (२) भाग भूमि में कोई मंग जानना १-२ के भगों में अमजी पन्द्रिय . के ? योग जानना योग जानना १-२-६ ये गुगण में
में कोई भंग जीव के मो. काय मोटर
१-२ केभंग ऊपर के कम
। मानना अनुभव वचन योग । ।
। भूमि के मुजिब जानना का मग जानना
१का भंग केन्द्रिय जीव में एक प्रौदारियक काय
वोग जानना (२) भोग भूमि में