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चातीस स्थान दर्शन
कोष्टक नम्बर १६
नरक गति में
१योग
१ भंग
हयोग
प्रा. मिश्रकाय योग १, पाहारक काय योग, पौ. मित्र य योग १, प्रो. काय योग १. ये ४ घटाकर (११)
4. मिश्वकाय योग! कामारणकाय योग १. ये घटाका (6)
ने ४ गुगा में है का अंग मनोयोग ४. वचन योग४ वै० काय गोग, ये का भंग जानना
१ मंग
१योग दै० मिश्रकाय योग, कार्माणकाय योग
ये २ योग जानना १ का भंग जानना | १ के भंग में मे १-२ के भंग
कोई १ योग ल ४थे गंगा में १-२के भंगों में .१.२ के भंग जानना १ का भंग-माणिकाय | मे कोई १ भंग । में में कोई १
योग विग्रह मति में | जानना | योग जानना जानना २ का मंग-जामाकाय योग१.40 मिश्रकाय योग १, ये २ का भंग निवृन्य पर्याय (याहार पति के समय) अबस्या . में जानना
नपुमक वेद
१ मे ४ गुरंग - में
ममक वे! नमक वेद ने ये गण. में । नामक वेद नमक वेद ११ कपाय २३१ नमत्र वेद जानना
नासक वेद जानना स्त्री-भर वेद
२३ सारे अंग भंग
सारे भंग १ भंग ये २ घटाकर २३) २३-१ के भंग
अपने अपने स्मारह के भंग २३-१६ के भंग अपने अपने म्यान । (१) ने २२ गुगल में | के मारे भंग मे गे कोई, (११ गूगग में के सारे ग जानना
२३ का मेम-सामान्यवत् । 5.5-8 के भंग भंग जानना २: का भंग पर्याप्तवत् | १ने गुरग. में | ७-८-८ के भंग जानना ! को० न० १.
७-८-5 के भंग गर्याभवत
पर्याप्शयन जानना जानना (२) २४थे गुग में
करे ये गगा । । *गे गूगल में (1) गुगा० में । ४थे सुगम में ६-9- के भंग १६ का भंग पर चे २ .८ भंग- ७-८ के मंगों १६ का भंग पर्याप्तवत् । ३-७-८ के भग पर्याप्तवत् के मंग में ये अनावंबी को००१८ के | में गे कोई१
म तिवत् जानना जानना कराय ४, घटाकर शेष ममान
अंग जानना । सूचना-यह भंग ले १६ का भग जानना
नरक की अपेक्षा जानना