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त्य प्रकृति-१४२११३८ को न के जिन भानगा। प्रनिर 1 विधागलामा निम्न प्रकार जालना। यह भेद अपन
वंगी की अपेक्षा होते रे। पले भाग के प्रारम्भ में-१६८ को मना है। इनम नरकटिक :, नियंत्रक, कन्दियादि जानि। मानप, उद्यांत । महानिशा : (निहानिद्रा, प्रचना प्रचना, सन्यानदि), माघारमा, मुम, स्थानर १. ६ प्रतिया पहले भाग के अन्न में घटाने से दूसरे भाग के प्रारम्भ में १२० को मना जानना ।
रे भाग के प्रारम्भ की १२६ प्रकृतियों में से दूर भाग के अन्त में ममत्यास्यान कपाय, प्रत्याभयान का ये = प्रकृतिय! घटाने में तीसरे भाग के प्रारम्भ में १४ की मत्ता जानना । देरे भाग के प्रारम्भ की ११४ प्रकनियों में में तोमर, भाग के अन्न में नमक वैट ! कटाने में बौथ भाग के प्रागम में ११ को मत्ता जानना। म्ये भाग के प्रारम्भ की ११.प्र.नियों में में चौथे भाग के पन्त में ग्वा वेद १ पटान म पांचवे भाग के प्रारम्भ में भी मना जानना।
वे भाग के प्रारम्भ का ११ प्रकृनियों में में पांचवे भाग के पन्न में झाम्पादिनः ।नांकयाय घटान में चटव भाग के प्रारम्भ म १०६ की सना जानना। व भाम के प्रारम्भ की १० प्रकृतियों में छटवे भाम के अन्त में पुरुष बंद । घटान ग मानव भाग के प्रारम्भ में १०५ का मना जानता।
वे भाग प्रारम्भ की १०५ प्रवृनियों में से मामव भाग के अन्त में कोधकषाय घटाने में आठवे भाग के प्रारम्भ में का मना जानना। मद भाग के प्रारम्भ के १.४ प्रकनियों में से आठवे भाय के अन्त में मानकषाय घटाने से नौवं भाम के प्रारम्भ में १० को मत्ता जानना। स्वे भाग के प्रारम्भ के १०३ प्रकृतियों में से नवे भाग के अन्न में मायाकषाय घटाने में दसवे गुण स्थान के प्रारम्भ में १०२ की
सप्ता जानना । (देखो गो० क० गा० से ३४२) संख्या-- उपशम यंगगी में पौर ५६८ सपक नंग्गी में जानना । क्षेत्र-लोक के असंख्यातन भाग प्रमाग जानना । स्पशन-लोक के यमयात भाग प्रमाण जानना।। काल-उपशम श्रेणी की अपेक्षा एक समय में अन्तमहतं तक धौर अपक अंगी की अपक्षा अन्न महतं में पन्तम हुन तक इस मुगम स्थान में
रहने का काल जानना। अंतर--नाना जीवों की अपेक्षा उपशम श्रेणी में एक समय से लेकर वर्ष पृथक्त्व नक जानना घोर भपक अंगगी में एक समय में लकर
६ मास तक संसार में कोई जीवन चढ़े और एक जीव को अपेक्षा उपशम गगी में गम समय में देशोन अर्धपुद्गल परावर्तन कान
तक व्युच्छेद पड़ता है अर्थात अन्तर जानना। नाति (योनि)-मनुष्यगति के श्लास योनि जानना । --मनष्य १४ लाख कोटि ४ कूल जानना।
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