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प्रमेयकमलमार्तण्डे इतश्चास्ति प्रधानं भेदानां समन्वयदर्शनात् । यज्जातिसमन्वितं हि यदुपलभ्यते तत्तन्मयकारणसम्भूतम् यथा घटशरावादयो भेदा मृजातिसमन्विता मृदात्मककारणसम्भूताः, सत्त्वरजस्तमोजातिसमन्वितं चेदं व्यक्तमुपलभ्यते । सत्त्वस्य हि प्रसादलाघवोद्धर्षप्रीत्यादयः कार्यम् । रजसस्तु तापशोषोद्व गादयः । तमसश्च दैन्यबीभत्सगौरवादयः । अतो महदादीनां प्रसाददैन्यतापादिकार्योपलम्भात्प्रधानान्वितत्वसिद्धिः ।
इतश्चास्ति प्रधानं शक्तितः प्रवृत्तः । लोके हि यो यस्मिन्नर्थे प्रवर्तते स तत्र शक्तः यथा तन्तुवायः पटकरणे, प्रधानस्य चास्ति शक्तिर्यया व्यक्तमुत्पादयति, सा च निराधारा न सम्भवतीति प्रधानास्तित्व सिद्धिः।
__ कार्यकारणविभागाच्च; दृष्टो हि कार्यकारणयोविभागः, यथा मृत्पिण्ड: कारणं घट: कार्यम् । स च मृत्पिण्डाद्विभक्तस्वभावो घटो मद्योदकादिधारणाहरणसमर्थो न तु मृत्पिण्डः । एवं महदादि कार्य दृष्ट वा साधयामः-'अस्ति प्रधानं यतो महदादिकार्यमुत्पन्नम्' इति ।
शक्तिके अनुसार प्रवृत्ति होनेसे भी प्रधानका अस्तित्व सिद्ध होता है, क्योंकि लोकमें देखा जाता है कि जो जिस अर्थमें प्रवृत्त होता है वह उसमें शक्त रहता है, जैसे जुलाहा वस्त्र बुनने में शक्त रहता है, जिसके द्वारा व्यक्त को उत्पन्न करता है वह शक्ति प्रधानके अवश्य है वह निराधार नहीं रहती, इस तरह प्रधान का अस्तित्व सिद्ध होता है। कार्य कारणके विभागसे भी प्रधान तत्त्व सिद्ध होता है, क्योंकि कार्य और कारणमें विभाग दृष्टिगोचर हो रहा है, जैसे मिट्टीका पिंड कारण हैं घट कार्य है। वह घट स्वभाव मृत पिंडसे विभिन्न स्वभाव युक्त है, इसीलिये घट मद्य, जल आदिको धारणा ग्रहण करने की सामर्थ्य युक्त होता है किन्तु मृत् पिंड उस सामर्थ्य युक्त नहीं होता, इसप्रकार महदादि कार्यको देखकर सिद्ध करते हैं कि प्रधान तत्व है, क्योंकि महदादि कार्य उत्पन्न हुआ है।
वैश्व रुप्यका अविभाग होनेसे भी प्रधानका अस्तित्व ज्ञात होता है तीन लोकको वैश्वरूप्य कहते हैं, वह प्रलयकालमें कहीं अविभावको प्राप्त होता है, जैसा कि कहा है-पहले पंचभूत पंच तन्मात्राओं मेंअविभाग को प्राप्त होते हैं, यहां अविभागका अर्थ अविवेक है, जैसे दुग्ध अवस्थामें दुग्ध अन्य है और दही अन्य है ऐसा विवेक करना शक्य नहीं, वैसे प्रलयकालमें यह व्यक्त है और यह अव्यक्त है ऐसा विवेक करना शक्य नहीं है । अतः हम मानते हैं कि प्रधान है जिसमें कि महदादि अविभाग को प्राप्त होते हैं।
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