Book Title: Pramey Kamal Marttand Part 2
Author(s): Prabhachandracharya, Jinmati Mata
Publisher: Lala Mussaddilal Jain Charitable Trust Delhi
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प्रमेय कमल मार्त्तण्डे
किंच, अबाधितविषयत्वं निश्चितम् अनिश्चितं वा हेतोर्लक्षणं स्यात् ? न तावदनिश्चितम्; अतिप्रसंगात् । नापि निश्चितम् ; तन्निश्चयासम्भवात् । स हि स्वसम्बन्धी, सर्वसम्बन्धी वा ? स्वसंबंधी चेत्; तत्कालीनः सर्वकालीनो वा ? न तावत्तत्कालीनः तस्यासम्यगनुमानेपि सम्भवात् । नापि सर्वकालीनः; तस्यासिद्धत्वात्, कालान्तरेप्यत्र बाधकं न भविष्यति' इत्य सर्वविदा निश्चेतुमशक्यत्वात् ।
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सर्वसम्बन्धिनोपि तत्कालस्योत्तरकालस्य वा तन्निश्चयस्यासिद्धत्वम् श्रर्वाग्रहशा 'सर्वत्र सर्वदा सर्वेषामत्र बाधकस्याभाव:' इति निश्चेतुमशक्त े स्तन्निश्चय निबन्धनस्याभावात् । तन्निबन्धनं
शंका - एक शाखा प्रभवत्व आदि हेतु वाले अनुमान भ्रांत हुआ करते हैं अतः वे प्रत्यक्षादिसे बाध्यमान हैं ?
समाधान - उक्त अनुमान किस कारण से भ्रांत हैं प्रत्यक्ष द्वारा बाध्य होनेसे या त्रैरूप्य विकल होनेसे ? प्रथम पक्षमें ग्रन्योन्याश्रय होगा - उक्त अनुमानका भ्रांतपना सिद्ध होने पर प्रत्यक्ष से बाध्यत्व सिद्ध होगा और उसके सिद्ध होने पर भ्रांतत्व सिद्ध होगा । दूसरा पक्ष तो प्रयुक्त ही है क्योंकि उक्त अनुमानके एक शाखाप्रभवत्व हेतु में त्रैरूप्यका सद्भाव यौगने स्वयं स्वीकार किया है अतः इस हेतुमें त्रैरूप्य वैकल्प है ही नहीं । यदि इस हेतुमें त्रैरूप्यका सद्भाव स्वीकार नहीं करते तो उस त्रैरूप्यके प्रभाव के कारण ही एक शाखा प्रभवत्व हेतु अगमक [ सदोष साध्यका प्रसाधक ] सिद्ध हुआ, उसमें फिरसे प्रत्यक्ष द्वारा बाधा उपस्थित करनेसे क्या प्रयोजन है ?
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तुका लक्षण बाधित विषयत्वरूप होना चाहिए सो यह अबाधित विषयत्व निश्चित है या अनिश्चित १ अनिश्चित तो कहना नहीं अतिप्रसंग होगा । निश्चित नहीं कह सकते क्योंकि इस हेतुका विषय प्रबाधित है ऐसा निश्चय होना असंभव है । यदि निश्चय होवे तो किसके होवे स्वसंबंधी या सर्व संबंधी ? स्वसंबंधी कहो तो तत्कालीन [ अनुमानकालीन ] है अथवा सर्वकालीन है ? तत्कालीन स्वसंबंधी निश्चय है ऐसा कहना प्रयुक्त होगा क्योंकि ऐसा निश्चय तो मिथ्या अनुमानमें भी संभव है । सर्वकालीन निश्चय तो सर्वथा असिद्ध है । क्योंकि कालांतर में भी इस अनुमान के विषय में बाधा नहीं होगी ऐसा निश्चय करना अल्पज्ञ के लिए अशक्य है ।
अबाधित विषय सर्व संबंधी निश्चित है ऐसा विकल्प माने तो वह तत्कालीन हो चाहे उत्तर कालीन हो दोनों निश्चय असिद्ध हैं, क्योंकि असर्वज्ञ पुरुषों द्वारा सर्वत्र सर्वदा सभी को इस अनुमानके विषय में बाधा नहीं है ऐसा निर्णय किया जाना असंभव
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