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निष्परिग्रही सन्त
सरल, शान्त, प्रशममूर्ति, धर्मात्मा एवं उत्तम दशलक्षण धर्म, रत्नत्रय आदि सर्व धर्मों की उत्कृष्ट आराधनाओं में अग्रणी रहने वाले और अध्ययन, मनन, चिंतवन, ज्ञान, ध्यान, समाधि में अंतर्लीन रहने वाले, निष्परिग्रही, तपस्वी, उपसर्ग विजेता, उत्तम संयमी, स्वर्गीय मुख्य दिगम्बराचार्य प० पू० 108 श्री शान्तिसागर जी महाराज छाणी की स्मृति में उनके प्रति विनम्र सम्यक् श्रद्धा एवं भक्ति भाव प्रगट करने हेतु प्रकाशित होने वाले स्मृति ग्रंथ में अपनी शुभ भावनायें एवं विनम्र श्रद्धांजलि समर्पित कर रहा हूँ निज आत्म कल्याणार्थ ।
ब्र० गोकुलचन्द
श्रद्धासुमन
प्रशान्तमूर्ति परम दिगम्बराचार्य शान्तिसागर जी महाराज के स्मृति ग्रन्थ प्रकाशन से मुझे बहुत प्रसन्नता है। मैं उनके पावन चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ। मूडबिद्री
भट्टारक चारुकीर्ति महास्वामी
प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति ग्रन्थ
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