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भने नियम लिये पर एक अंग्रेज ने जीवन भर को मांस खाना छोड़ दिया था ' TE बाकी अंग्रेज भाई खुशी मनाते हुए वापिस चले गये। - धन्य है बीना जैन समाज, जिसने केशलोंच का महान यज्ञ कराया।
हजारों भाइयों को भोजन आदि की अपूर्व व्यवस्था ही नहीं, बल्कि बैलगाड़ियों के बैलों को, घोडों और ऊंटों को भी दाना-पानी और चारे आदि की पूर्ण
व्यवस्था की, कैसा वात्सल्य हमने देखा, वह जीवन में अब तक नहीं दिखा. LE पिचासी दीवालियाँ देख चुका हूँ।
हजारों नर-नारियों ने दिगम्बर मुनि और उनकी कठिन चर्या केशलोंच तपस्या को देखा, समस्त नर-नारी आचार्य श्री की जय और जैन धर्म की | जय-जयकार बोलते हुए अपने-अपने ग्रामों को चले गये।
जिन्होंने विलुप्त मुनि परम्परा को जन्म देकर दि. मुद्रा के दर्शन दिए, उन आचार्य शान्तिसागर जी छाणी के श्री चरणों में बारम्बार नमन है।
बामौर कला
पं. रतनचन्द शास्त्री
शुभकामना
मुझे यह जानकर अति प्रसन्नता हुई कि प्रातः स्मरणीय परमपूज्य 108 उपाध्याय श्री ज्ञानसागर जी महाराज की सत प्रेरणा से स्वर्गस्थ प्रशममूर्ति आचार्य श्री 108 शान्तिसागर जी (छाणी) महाराज के स्मृति ग्रन्थ का प्रकाशन हो रहा है।
इस महान् ग्रन्थ के माध्यम से अवनितल पर दीर्घकाल तक निरन्तर रत्नत्रय एवं उनके धार्मिक उपदेश का प्रचार-प्रसार होता रहेगा। ____ मैं पावन स्मृति ग्रन्थ की सफलता हेतु हार्दिक शुभकामना करता हूँ।
। अमोल जिला, शिवपुरी
चन्द्रभान शास्त्री
प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति-ग्रन्थ
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