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प्रशान्त मूर्ति आचार्य श्री शान्तिसागर ( छाणी ) व्यक्तित्व एवं कृतित्व
मेवाड़ (राज.) प्रान्त की पावन भूमि के दक्षिणी भाग में उदयपुर झीलों की नगरी से 40 मील दूर केशरिया जी सुप्रसिद्ध तीर्थ है। केशरिया जी तीर्थ दस मील दूरी पर खेरवाड़ा तहसील है, यह खेरवाड़ा तहसील मेवाड़, बागड़, खड़ग प्रान्त के मध्य व्यापार का केन्द्र एक सुन्दर कस्बा है, यहां पर वर्तमान में जैन समाज की अच्छी बस्ती हो गई है, दो दिगम्बर जैन मंदिर है। इस खेरवाड़ा ग्राम से केवल पांच मील की दूरी पर खेरवाड़ा और विजयनगर के मध्य छाणी नाम का सुन्दर गांव है। यही छाणी गांव हमारे चरित्र नायक स्व. आ. 108 श्री शान्तिसागर जी महाराज का जन्म स्थान है। इसी कारण छाणी ग्राम को देश में प्रसिद्धि प्राप्त हुयी । छाणी गांव के बाहर एक किलोमीटर दूरी पर श्री महावीर भगवान का एक अतिशय क्षेत्र है।
मेवाड़ का महावीर जी अतिशय क्षेत्र
श्री महावीर स्वामी का प्राचीन भव्य मंदिर लोगों को दूर ही से आकर्षित करता है, प्रतिमा पर संवत् 1501 का लेख है। इस मंदिर की पंचकल्याणक प्रतिष्ठा विक्रम संवत् 2001 में भट्टारक यशकीर्ति द्वारा बड़ी धूम-धाम से हुई थी। इस मंदिर के पास ही एक छोटी सी सुरम्य पहाड़ी है, जिस पर एक छोटा जिन मंदिर है उसमें इन्हीं आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज की प्रतिमा खड़गासन के रूप में स्थापित है, नीचे तक सीढ़ियां बनी हुई है। वर्तमान में भगवान महावीर स्वामी के मंदिर में कांच का सुन्दर काम समाज ने कराया है, जिसमें स्थान विस्तृत हो गया है। यात्रियों की सुविधा के लिये धर्मशाला का निर्माण हो रहा है। दूर-दूर से यात्रीगण इस तीर्थ के दर्शन करते आते हैं। महावीर स्वामी के इस अतिशय क्षेत्र से भी छाणी ग्राम की शोभा व प्रसिद्धि
है। इस क्षेत्र के मंदिर में विराजमान भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा बड़ी
मनोज्ञ एवं अतिशय वाली है।
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प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति ग्रन्थ
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