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37 108 शिवसागर जी के संघ में भी थोड़े दिन रहे। वहाँ से बड़वानी यात्रा के LF लिए कुछ लोगों के साथ चल दिये। बड़वानी में आचार्य श्री 108 विमलसागर :
- जी का संघ विराजमान था। आपने वहाँ पर दूसरी प्रतिमा के व्रत ग्रहण किये। F1 उस समय आपकी उम्र 15 वर्ष की थी। फिर बाद में आप दिल्ली पहुँचे। वहाँ IE पर परम पूज्य श्री 108 सीमन्धरजी का संघ विराजमान था। उनके साथ आप F- गिरनार जी गये। वहाँ पर आपने सं. 2022 मिति वैशाख वदी 14 को क्षुल्लक
दीक्षा ग्रहण की। उस समय आपकी उम्र 17 वर्ष की थी। वहाँ से विहार कर TE संघ का चातुर्मास अहमदाबाद में हुआ। उसके बाद आपने गुरु की आज्ञानुसार - सम्मेदशिखर जी के लिए विहार किया। आप पैदल यात्रा करते हुए आगरा -
आये वहाँ पर श्री परम पूज्य 108 विमलसागर जी का संघ विराजमान था। TE आपने सं. 2024 मिती आषाढ़ सुदी 5 रविवार के दिन महाव्रतों को धारणकर TE
- निर्ग्रन्थ मुनि दीक्षा धारण की तथा संघ का चातुर्मास वहीं पर हुआ। वहाँ से म विहार करते हुए आप कुण्डलपुर आये। जहाँ पर आचार्य श्री से ब्र.निजात्माराम TE जी ने क्षुल्लक-दीक्षा ग्रहण की। वहाँ से विहार करते हुए आप श्री सम्मेदशिखर ना पधारे। वहाँ पर महाराज श्री की तीर्थराज वन्दना सकुशल हुई। बाद में आपका
चातुर्मास हज़ारीबाग में हुआ। उसके बाद आप मधुवन आये। वहाँ पर क्षुल्लकजी TE ने आप से महाव्रत ग्रहण किये। बाद में आप ईसरी पंचकल्याणक में पधारे
। तथा वहाँ पर 5 दीक्षायें आपके द्वारा हुई ।आप वहाँ से विहार करते हुए बाराबंकी 4 पधारे। जहाँ पर आपका चातुर्मास हुआ। वहाँ से विहार करते हुए आप मेरठ TE आये। मेरठ से आप संघ सहित पांडव नगरी भगवान् शान्तिनाथ, अरहनाथ, - कुन्थुनाथ, मल्लिनाथ की जन्मभूमि हस्तिनापुर तीर्थक्षेत्र पर जिस दिन भगवान
आदिनाथ ने श्रेयान्स राजा से प्रथम आदि काल का आहार गन्ने के रस के रूप में ग्रहण किया था पधारे। संघ सहित विराजकर आपके सम्पूर्ण संघ ने गन्ने का रस लेकर उस दिन की याद को ताजा करा दिया मानो वो ही दृश्य
सामने हो। मुनि श्री एक माह रहकर मीरापुर, जानसठ, मुजफ्फरनगर, खतौली, T- सरधना, वरनाबा, विनौली, बड़ागाँव, बड़ौत आदि इलाकों में होते हुए चातुर्मास -1 के लिए दिल्ली कैलाशनगर में विराजे। आपने अनेकों स्थानों पर चातुर्मास
किये। TH वर्तमान में गिरनार क्षेत्र पर निर्मल ध्यान केन्द्र का निर्माण कार्य आपके
1 सदुपदेश.से हो रहा है। आप व्रतों में दृढ़ एवं साहसी हैं, सरलता अधिक है, 11301
प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर ाणी स्मृति-ग्रन्थी पानामानानानानानासानासाना I
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