________________
145146145454545454545454545454545451 516. राजा का गोपनीयता गुण
अपनी बात को गोपनीय रखना राजा का बहुत बड़ा गुण है। LE क्षत्रचूडामणि के अनुसार जब तक इष्ट कार्य की सिद्धि नहीं होती है, तब तक शत्रु की आराधना करे। इसी नीति का अवलम्बन जीवन्धर स्वामी के मामा गोविन्दराज ने किया था। यद्यपि वे पापी काष्ठाङ्गार का विनाश हृदय से चाहते थे, फिर भी अनुकूल समय की प्रतीक्षा करते हुए उन्होंने काष्ठागार के साथ प्रत्यक्ष रूप में अपना स्नेहभाव प्रदर्शित करने में किसी प्रकार कमी न की। जिसके प्राणों के वे प्यासे थे, उसके ही पास उन्होंने भेंट भेजकर बाह्य रूप से सन्मान का भाव प्रदर्शित किया था। मुद्राराक्षस में राजनीति
की विचित्रता इन शब्दों में वर्णित की गई है-कभी तो उसका स्वरूप स्पष्ट TE प्रतीत होता है, कभी वह गहन हो जाती है और उसका ज्ञान नहीं हो पाता, ना प्रयोजनवश कभी वह सम्पूर्ण अङ्गयुक्त होती है और कभी अत्यन्त सूक्ष्म
हो जाती है, कभी तो उसका बीज ही विनष्ट प्रतीत होता है और कभी वह TE फल वाली हो जाती है। अहो! नीतिज्ञ की नीति दैव के सदृश विचित्र आकार
जा वाली होती है। 17. अनीतिपूर्ण आचरण का परित्याग-अनीतिपूर्ण आचरण करने का परिणाम
बुरा होता है, इस बात का निश्चय इससे होता है कि राजा को धोखा देने वाला काष्ठागार जीवन्धर महाराज के द्वारा मारा गया। इस पर आचार्य ने कहा है-'स्वयं नाशी हि नाशक:' अन्य का विनाश करने वाले का स्वयं नाश होता है। इस पृथ्वी का शासन दुर्बल व्यक्तियों द्वारा नहीं हो सकता,
यहवसुन्धरा वीरों के द्वारा भोगने योग्य है अत्याचारी काष्ठागार ने प्रजा फका उत्पीड़न किया था। उसने बलात् प्रजा का खून चूसा था, इस कारण
महाराज जीवन्धर ने राज्य का शासन सूत्र हाथ में लेते ही 12 वर्ष के लिए पृथ्वी को कर रहित कर दिया था। इसका कारण कविवर यह बतलाते हैं-भैंसों के द्वारा गंदा किया गया पानी शीघ्र निर्मल नहीं होता। 8. धार्मिकता-अनावश्यक हिंसा आदि से भय रखने के कारण क्षत्रिय व्रती
माने गये हैं। धार्मिक नरेश सफलता प्राप्त करने के अनन्तर सफलता के मूल LE कारण वीतराग परमात्मा के चरणों की आराधना को नहीं भूलते हैं, इसी बात
को जानने के लिये जीवन्धर स्वामी के द्वारा युद्ध में विजय होने के पश्चात् 51 राजपुरी में जाकर जिनभगवान के अभिषेक करने का वर्णन किया गया है; प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति-ग्रन्थ
431
.
।
-
5554454545454545454545454545