Book Title: Prashammurti Acharya Shantisagar Chani Smruti Granth
Author(s): Kapurchand Jain
Publisher: Mahavir Tier Agencies PVT LTD Khatuali

View full book text
Previous | Next

Page 582
________________ 555555555555555 गुरु नानकदेव जी ने अपने शिष्यों, को मांस खाने और शराब पीने की सख्त मनाही की थी। उन्होंने कहा है मांस-मांस सब एक है, मुरगी, हिरनी, गाय। मांस देख नर खात है वे नर नरकंहि जाय।। कबीरपंथ के संस्थापक संत कबीर कहते हैं, मांस खाने से चित्तवृत्तियां क्रूर एवं पाशविक हो जाती हैं, जबकि सात्विक आहार से मनुष्य की चित्तवृत्तियां निर्मल एवं सात्विक बनी रहती हैं। उन्होंने कहा-है बकरी पाती खात है, ताकि काढी खाल। जो नर बकरी खात हैं, ताको कौन हवाल।। चाणक्य नीति में कहा गया है, कि जो मांस खाते हैं, शराब पीते हैं उन रूपी पशुओं के बोझ से पृथ्वी दुःख पाती है। टालस्टाय : मांसाहार पशु-वृत्तियों को बढ़ाता है, वासनायें जागृत करता है और व्यभिचार व शराबखोरों का प्रसार करता है अतः जो मनुष्य उत्तम जीवन बिताने की इच्छा रखते हैं, उन्हें इसका परित्याग करना ही चाहिये। म इस प्रकार भारतीय ऋषि-मुनि, कपिल, व्यास, पाणिनि, पतञ्जली, शंकराचार्य, आर्यभट्ट आदि सभी महापुरुषों ने मांसाहार का विरोध किया है। शाकाहार ही बढ़ती हुई खाध समस्या का एकमात्र हल है। शाकाहार मानवीय पाचनक्रिया के अनुकूल है। मांसाहार की अपेक्षा शाकाहार जल्दी हज़म होता है। मांसाहार की अपेक्षा शाकाहार अधिक सस्ता है, आर्थिक दृष्टि से भी यह तथ्य प्रमाणित होता है कि मांस द्वारा एक किलोग्राम प्रोटीन प्राप्त करने के लिये पशु को 7 से 8 किलोग्राम तक प्रोटीन खिलाना पड़ता है। ITE यह भी अनुमान लगाया गया है कि 1 पशु मांस कैलोरी प्राप्त करने के लिये 7 वनस्पति कैलोरी खर्च होती है। अमेरिका के कृषि विभाग ने जो आंकड़े बताये हैं उससे पता लगता है कि जितनी भूमि एक औसत पशु को चराने के लिये चाहिये उतनी से औसत दर्जे के पांच परिवारों का काम चल सकता है। एक अमरीकी औसतन 120 किलो मांस प्रतिवर्ष खाता है। इसे प्राप्त करने के लिये करीब एक टन अनाज खर्च होता है। यदि वह सीधा 120 किलो अनाज खाये तो वर्ष भर आठ व्यक्तियों का कार्य चल सकता है। सीधे अनाज का आहार करने के लिये मानव को जितनी कृषि भूमि चाहिये 536 प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति-ग्रन्थ । 4514614545454545454545454545454545

Loading...

Page Navigation
1 ... 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595