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रामा IPIPIPIPI हिंसक पालक मानव ने भी मानवता का पाठ लिया। मलाराधन आगम दर्पण को रच प्रश्नोत्तर माला नाम है परम तपस्वी ज्ञान ज्योति को शत शत बार नमामि है।
श्रमण संस्कृति के अध्येता चलते फिरते तीर्थ थे। सर्वोदय की परम भावना ले, परम शांति गंभीर थे सर्दी, गर्मी, वर्षा ऋतु में बाधायें सह धीर वीर थे गुण गौरवता के प्रतीक बन रत्नत्रय धारी शमशीर थे।। सम्वत् दो हजार एक में जब समाधि ले सुरपुर धाम है। परम तपस्वी श्री शांतिसागर छाणी जी को नत "फणीश" ललाम है।
- ऊन, पावागिरि
पं. बाबलाल 'फणीश'
वन्दे शान्तिसागरम्
माणिक बाई कृक्षिजं भागचन्द्रात्मजम "छाणी" ग्राम वासिनम् वीरभूसुरत्नकम् । बालब्रह्मचारिणम् प्रशान्तरूपधारिणम् भेदविज्ञानिनं वन्दे शान्तिसागरम्।। कर्मरिपुघातकम् स्वात्मगुणप्रकाशकम् क्षान्तिशान्तिधारकं शिवरत्नाभिलाषिकम् स्वात्मरसरसज्ञकं मोहविध्वंसकम् मोक्षमार्गे स्थितम वन्दे शान्तिसागरम ।।
आचार्यवर्यः श्रीशान्तिसिन्धुः "छाणीति" नाम्ना प्रथितः पृथिव्याम् । यस्य स्मृतिर्भवतु नः सौरव्यप्रदायी दूरी करोतु मे संसृतिजन्यतापम् ।। मेवाड़भूमिः खलु यं प्रसूय
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प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति-ग्रन्थ
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