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परमपूज्य सन्तशिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी द्वारा व्यक्त शुभकामना
आचार्य शान्तिसागर जी छाणी महाराज अपने युग के महान संत थे । उनका एवं आचार्य शान्तिसागर जी महाराज दक्षिण का चातुर्मास सन् 1933 में व्यावर (राजस्थान) में एक साथ हुआ था। उस समय हमारे गुरू महाराज भी वहाँ पहुँचे थे। उनको उस समय प्रशान्तमूर्ति कहा करते थे। आचार्य श्री का स्मृति ग्रंथ निकल रहा है यह प्रसन्नता का विषय है। मेरी ग्रन्थ के लिए शुभकामनाएं हैं।
मुक्तागिरि सिद्धक्षेत्र
प्रस्तुतकर्ता डॉ. कस्तूरचंद कासलीवाल
मंगल कामना
स्वर्गस्थ आचार्य शान्तिसागर जी (छाणी) बुद्धिमान् और धर्मपरायण
तपस्वी महाराज थे । जिनेन्द्र प्रभु
से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को मुक्ति लाभ हो ।
आचार्य सन्मतिसागर
प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी की परम्परा के चतुर्थ पट्टाचार्य आचार्य सुमतिसागर जी महाराज की हार्दिक विनयाञ्जलि
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मुझे यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता है कि परमपूज्य आचार्य शान्तिसागर जी महाराज छाणी का स्मृति ग्रन्थ प्रकाशित होने जा रहा है। पूज्य आचार्य श्री शुद्धाम्नाय के प्रबल समर्थक थे। उनकी स्मृति में प्रकाशित इस ग्रन्थ से जैन समाज उनके उपदेशों से परिचित हो सकेगी। मैं ससंघ उन्हें विनयाञ्जलि अर्पित करते हुए ग्रन्थ की सफलता की कामना करता हूँ। सोनागिरि (म. प्र. )
आचार्य सुमतिसागर महाराज
प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति ग्रन्थ
747-447-444-4---44!
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