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ये (११) १० वेद
.
६ योग
मनोयोग ४, वचन योग ४, श्री०
० काय योग १. श्रा० मिश्रका योग १, बहारक काय यांग
११ कथाय
चौतीस स्थान दर्शन
३
१२ जान
ર
H
को० नं० १ देखी
१३
संज्वलन कथाय ४. नवनो कषाय ६,
ये १३ जानना
१३ सयम
११
1
मति श्रुत, अवधि, मन पर्यय ज्ञान ये ४ ज्ञान जानना
सामायिक छेदोपस्था पना परिहार वि० ३ संयम जानना
१०
सारे भंग मा० मिश्रकार्य योग १ घटाकर को० नं० १८ देखो (१०) जानना
१-२ के भंग
को० नं० १८ के समान
ર
३-१ के मंग
को० नं० १८ के समान
१३ १२-११ के भंग को० नं० १८ के समान
*
४-३ के मंग
को० नं०] १८ के समान
( ५६ ) कोष्टक नं० ६
गारे प को० नं० १८ देखो
2
३ ३-२ के भंग
को० नं० १८ के समान |
१
आहारक मिश्र काययोग को० नं० १० देखो को० नं० १४ देखो १ का मंग
I
को० नं० १० के समान
I
1
१ योग कोनं० १८ देखो
सूचना २-पेज ५२ र
१ ने को० नं० १८ देखो
!
एक पुरुष वेद जानना १ का भंग को० नं० १० के समान
प्रमत्त गुण स्थान
सारे मंग
??
मारे भंग १ भंग को० नं० १० देखो को० नं० १= देखो स्त्री नपुंसक वेद २ घटाकर को० नं० १० देखो
(११) बनना १९ का मंग
को० नं०१८ के समान जानना
१
को० नं० १८ देखो को०नं० १८ देखी
i
१ भंग को० नं० १८ देखो
सारे भंग
१ ज्ञान
३
सारे भंग
१ जान
को० नं० १० देखो को० नं० १८ देखो मनः पर्यय ज्ञान घटाकर ३ को० नं० १८ देखो को० नं० १८ देशो
1
1
३ का भंग
को० नं०१८ के समान
| सूचना ३-पंज ५६ पर सारे भंग सारे मंग १ संयम १ संयम को० नं० १६ देखो की०० १८ देखोपरिहार विशु संयमघटाकर को० नं० १८ देखो को० नं० १८ देखो (२) जानना २ का मंग को० नं० १८ के समान जानना सूचना: ४ पेज ५६ पर