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(३) अध्यात्म कल्पद्रुम यह ग्रन्थ स्वयं ।
(४) स्त्रोत्र रत्न कोष–सूरिजी के बनाए हुए स्तोत्रों का संग्रह।
(५) मित्रचतुष्क कथा-चार मित्रों की उपदेशप्रद कथा का ग्रन्थ ।
(६) शांतिकर स्तोत्र इसका वर्णन पीछे दिया है ।
(७) पाक्षिक सित्तरी-यह लगभग २२ गाथा का छोटा प्रकरण है जिसमें पाक्षिक पर्व चतुर्दशी के दिन करना चाहिए यह बताया है।
(८) अंगुल सित्तरी ऊपर के जैसा यह भी छोटा सा प्रकरण है।
(६) वनस्पति सित्तरी ऊपर के जैसा यह भी छोटा सा प्रकरण है। इसमें प्रत्येक व साधारण वनस्पति के लक्षणादि का वर्णन संभव है। .
(१०) तपागच्छ पट्टावली–तपागच्छ की पट्टावली के सम्बन्ध में।
(११) शांतरस रास--गुजराती भाषा में शांतरस का यह रास है।