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__ अध्यात्म-कल्पद्रुम
(अ) पाठ सिद्धियां :१. अणिमा शरीर को इतना छोटा कर देना कि वह
सूई के छेद में से पार हो सके। २. महिमा-इतना बड़ा रूप करना कि मेरूपर्वत भी
घुटने तक ऊंचा प्रतीत हो। ३. लघिमा–वजन में पवन से भी हलका हो जाना। ४. गरिमा-वज्र से भी अधिक भारी हो जाना यह
भार इतना अधिक होता है कि इन्द्र भी
जिसे सहन नहीं कर सकता हो। ५. प्राप्ति शक्ति–शरीर को इतना ऊंचा कर देना कि
पृथ्वी पर खड़े खड़े मेरू पर्वत की चोटी को अंगुली से छू सकना और ग्रह आदि का स्पर्श कर सकना (वैक्रिय शरीर से नहीं, आत्म
शक्ति से)। ६. प्राकाम्य शक्ति पानी में गोते लगाने की तरह
जमीन में गोता लगाना और
जमीन की तरह पानी पर चलना। ७. इशित्व-चक्रवर्ती और इंद्र की ऋद्धि प्रकट करने
की शक्ति । ८. वशित्व-सिंह आदि हिंसक पशु भी वश में हो
जाय। (आदिश्वर चरित्र सर्ग १ पृ० ८५२-८५६)