Book Title: Adhyatma Kalpdrumabhidhan
Author(s): Fatahchand Mahatma
Publisher: Fatahchand Shreelalji Mahatma

View full book text
Previous | Next

Page 490
________________ ( ४४६ ) गीत-गाले (तर्ज रिमझिम बरसे बादर वा) श्री केवल मुनिजी कृत पल पल बीते उमरिया, मस्त जवानी जाये । प्रभु गीत गाले गाले, प्रभु गीत गाले ॥ टेर ॥ प्यारा प्यारा बचपन पीछे, खो गया, खो गया । यौवन पाकर तू मतवाला हो गया, हो गया । बार बार नहीं पावेरे । बहती गंगा है प्यारे, मौका है न्हाले गाले ॥ प्रभु ॥ कैसे-कैसे बांके जग में हो गये हो गये । खेल-खेल कर अंत जमीं पर सो गये, सो गये ॥ कोई अमर नहीं आया रे । पंछी है फूल रंगीले, मुर्भाने वाले गाले ॥ प्रभु ।। २ ।। तेरे घर में माल मसाले होते हैं, भूख के मारे कई विचारे रोते है उनकी कौन खबर ले रे । होते हैं । रोते हैं ॥ जिनके नहीं तनपे कपड़ा, रोटियों के लाले, गाले ॥ प्रभु || ३ | गौरा-गौरा देख बदन क्यों फूला है फूला है । चार दिनों की जिंदगानी पर भूला है, भूला है ॥ जीवन सफल बना लेरे । 'केवल' मुनि समभावे, ओ जाने वाले गाले ॥ प्रभु ॥ ४ ॥

Loading...

Page Navigation
1 ... 488 489 490 491 492 493 494