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गीत-गाले
(तर्ज रिमझिम बरसे बादर वा) श्री केवल मुनिजी कृत
पल पल बीते उमरिया, मस्त जवानी जाये । प्रभु गीत गाले गाले, प्रभु गीत गाले ॥ टेर ॥ प्यारा प्यारा बचपन पीछे, खो गया, खो गया । यौवन पाकर तू मतवाला हो गया, हो गया । बार बार नहीं पावेरे । बहती गंगा है प्यारे, मौका है न्हाले गाले ॥ प्रभु ॥ कैसे-कैसे बांके जग में हो गये हो गये । खेल-खेल कर अंत जमीं पर सो गये, सो गये ॥ कोई अमर नहीं आया रे ।
पंछी है फूल रंगीले, मुर्भाने वाले गाले ॥ प्रभु ।। २ ।। तेरे घर में माल मसाले होते हैं, भूख के मारे कई विचारे रोते है उनकी कौन खबर ले रे ।
होते हैं । रोते हैं ॥
जिनके नहीं तनपे कपड़ा, रोटियों के लाले, गाले ॥ प्रभु || ३ | गौरा-गौरा देख बदन क्यों फूला है फूला है ।
चार दिनों की जिंदगानी पर भूला है, भूला है ॥ जीवन सफल बना लेरे ।
'केवल' मुनि समभावे, ओ जाने वाले गाले ॥ प्रभु ॥ ४ ॥