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अध्यात्म-कल्पद्रुम
यदि सुबह शाम नहाने से ही मोक्ष मिलता हो तो पानी में रहने वाले कितने ही जीव मुक्त हो जायं। (७–१४) ____ पानी यदि पाप कर्मों को धो डालता हो तो पुण्य कर्मों को भी धो डालता है । अतः उनका सिद्धांत मनोरथ मात्र है। अंधे नेता के अनुकरण की तरह से वैसे मूर्ख लोग जीव हिंसा करते रहते हैं।
(७–१६) मुनि, संयम के निर्वाह के लिए ही आहार ग्रहण करे; अपने में से सभी पाप दूर हों ऐसी इच्छा करे, तथा दुःख पा पड़े तो संयम का शरण लेकर जैसे संग्राम के अग्रभाग में लड़ता हो वैसे अंतर शत्रुओं को दबावे । (७-२६)
प्रमाद ही कर्म है अप्रमाद ही अकर्म है। इन दोनों के होने या न होने से मनुष्य पण्डित या मूर्ख कहलाता है। (-३)
अपने जीवन के कल्याण का यदि कोई उपाय जानने में आए तो बुद्धिमान पुरुष को चाहिए कि वह उसे तुरंत सीख ले।
(८–१५) ___बुद्धिमान पुरुषों से मैंने सुना है कि, सुख वैभव का त्याग करके कामनाओं को शांत करना और निरीह (सर्व त्यागी) होना, यही वीर का वीरत्व है।
(८-१८)
जो वस्तु का तत्त्व नहीं समझते हैं, वैसे मिथ्या दृष्टि वाले पुरुष यदि लोगों में पूज्य गिने जाते हों और धर्माचरण