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अध्यात्म-कल्पद्रुम
में नहीं बोता है तो क्या इसे परभव में अपने साथ ले जाएगा ? धन प्राप्त करने आदि से एकत्रित हुए पाप समूह से प्राप्त किए गए नरक के दुःखों से तेरा मोक्ष ( छुटकारा ) कैसे होगा ? ।। ७ ।। वसंततिलका
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विवेचन जैसे उत्तम क्षेत्र में धान्य बोने से अधिक उत्तम उपज होगी वैसे ही धार्मिक दृष्टि से उन सात क्षेत्रों में धन बोने से अर्थात खर्च करने से आत्मिक लाभ होगा धर्म की उपज होगी एवं वास्तविक संतोष प्राप्त होगा । इस भव में बोया हुवा ते भव में मिलेगा । सात क्षेत्र हैं, (१) जिनमंदिर ( २ ) जिनबिंब ( ३ ) जैनश्रागम ( धर्मशास्त्र ) ( ४ ) साधु (५) साध्वी ( ६ ) श्रावक ( ७ ) श्राविका । इन सातों में द्रव्य बोने से धर्म की प्राप्ति होगी । आज आवश्यकता है सच्चे धर्म को समझाने वालों की और समझने वालों की । जैनागमों के प्रति आज उतनी रुचि नहीं है जिसका कारण यह है कि ठीक रीति से शिक्षण नहीं होता है । अतः सातों क्षेत्रों में से श्रावक श्राविका की तरफ विशेष लक्ष देने की आवश्यकता है । जब धर्म के मानने वाले ही गिरी हुई अवस्था में होंगे तो मंदिर व प्रतिमाजी को कौन संभालेगा तथा साधु साध्वी की कौन भक्ति करेगा ? अतः समय को पहचानकर श्रावक श्राविका के उत्कर्ष का प्रयत्न करना चाहिए साथ ही जैन आगमों का हिंदी व अंग्रेजी में, अनुवाद कर सरलभाषा व अल्पमूल्य में प्रकाशन करना चाहिए तब ही जैन धर्म जन धर्म बन सकता है । हे प्राणी ! यदि फिर भी मूढ़ रहकर