________________
( १८३ )
मारवार मदरास पञ्जाव आदि में जैन लोग बहुत से बसते हैं जैन जाति विशेष करके व्यापार करने बाली जाति है यही कारण है कि जैन जाति में विद्या की
T
4
न्यूनता है और इस न्यूनता के होने से जैन धर्म को चार वर्तमान समय में इस प्रकार नहीं जैसा कि होना चाहिये अपितु फिर भी जैन लोगों की संख्या देश में १० - ११ लाख गणना की जाति जैन धर्म की तीन बड़ी शाखाएं हैं " श्वेताम्बर स्थानक बासी" दिगम्बर" श्वेताम्बर - पुजेरे' या मन्दिर मार्गी" परन्तु इन में सब से अधिक संख्या श्वेताम्बर स्थानक वासियों की ही है दिगम्बर श्वेताम्बर स्थानक वासी इन में परस्पर भेद वो थोड़ा सा ही है परन्तु विशेष भेद इस बात का हैकि श्वेताम्बर स्थानक वासी मूर्तिका पूजन नहीं मानने और अन्य मानते हैं जैन धर्म वालों के बड़े समाचीन हिन्दी गुजशवी प्राकृत संस्कृत मागधी आदि भाषाओं की पुस्तकों के भंडार हैं जो जैसलमेर मादि स्थानों में हैं इन की बहुत सी पुस्तकें हस्त लिखित होने के कारण बड़े २ पुराने पुस्तकालयों और अंदारों में होने से प्रकट रूप संसार में नहीं फैलीं परन्तु अब इन का प्रकाश 'देश की
5