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जैनसम्प्रदामशिक्षा |
है, उस का निश्चय करने में अधात् यह कुंसी वा भावी गर्मी की है या नहीं, इस बात के
निर्णय करने में बहुत कठिनता ( विकत घा मुश्किल ) होती है।
चिकित्सा - १ -प्रथम जब सादी चाँदी हो उस
समय उस को नाइट्रिक एसिड से जमा देना चादिमे, भवात् एसिड की दो बूँदें उस के ऊपर डाल देनी चाहियें, अभवा रुह को एसिड में मिगा कर लगा देना चाहिये, परन्तु एसिड के लगाते समय इस बात का अवश्य स्वयाल रखना चाहिये कि एसिड चाँदी के सिवाम दूसरी जगह न लगने पौधे, यदि नाइट्रिक एसिड लगाने से जलन मास पड़े तो उसपर पानी की धारा देनी (डालनी) चाहिये, ऐसा करने से विशेष एसिड ( भानश्यकता से अधिक एसिड का भाग) जल जानेगा मोर जलन बंद हो जायेगी ।
२- यदि समयपर नाइट्रिक एसिस्ट न मिले तो उसके मवले (एनज) में सिल्वर तथा पोटास कास्टिफ लगाना चाहिये ।
३ - इस रीति से जिस जगह चांदी हुई हो उस जगह को जला कर उस के ऊपर एक दिन पोस्टिस लगानी चाहिये कि जिस से जला हुआ भाग अग होकर नीचे वाल जमीन दीखने लेंगे ।
४- यदि किसी जगह सफेद भाग हो और वह अच्छा न होता हो तो पहिले थोड़ा सा मोरबोधा गाना चाहिये, पीछे उस के भकुरों के भाने के लिये इस नीचे लिखे हुए पानी में कपड़े को भिगा पर लगाना चाहिये - विकसलफास वृत भेन, टिफचर कमांडर कम्पाउंड यो काम तथा पानी पार भस, इन सब को मिला लेना चाहिये, यदि इस स भाराम न हो तो न्याकमाच में कपड़े की मीट ( भज्जी ना छीरी) को भिगा कर छपेटना चाहिये ।
५- इस प्रकार की चौदियों को अच्छा करने के लिये भामडोफार्म अति उत्तम वबा है, उस को चाँदीपर बुरफा कर ऊपर से पटी को रूपेट पर मांध देना चहिये । ६-यदि बॉबी सुपारी के छित्र में अभया मनी के बीच में हो तो उस के बीच में हमेशा कपड़ा रखना चाहिये, क्योंकि ऐसा न करने से उस में से निकलती हुई रसी के दूसरी जगह लग जाने से विशेप टॉफी के पड़ जाने की सम्भावना रहती है ।
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एक प्रस्सर का मान होता है
१-क्योंकि बौदीक शिवाय दूसरी जगहपर एसिड के गिरने से पह मह भी पक जायेगी पोस्टिय के द्वारा पद जमी हुई भ्रमी पोस्टिय के साथ ही उतर मणी यथा उ का जमीन दी पर
ऐसा करने
३उतरने
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गयी
पाब भर जाता है तथा निर्माण चमड़ी अम्पा नरेन