________________
५६२
चैनसम्प्रदामरिया ॥ गिला देश चाहिये, भगा गुलाब की फली का, सोनामुरली ( रानाय) का या एका हेश मास ऐपसम सापट या एक जुलाम बना भादिय ।
१०-यदि उपर मिसी दया से फायदा न हा घो माएर पोटास ६० मिनिम, मारा मार १ नाम, निर भाग दायासाग २ नाम वषा धूनेका पानी, भोग, इन ७३ को मिला कर 3 भाग दिन में पार पार देना पाहिस ।
११-पाषाणभेद, धनिया, धमासा, गोराम, किरमासा (भमसताग ) सभा गुरुन सम को मस्का मारे २ वाले कर तथा मम का पार पानी में भिगा कर अन सेना पाहिम, पीछे दिन में दो तीन बार में यह पानी पिसा बना चाहिये।
१२-पापा का घोपन पक सेर, फेसू के एम एफ होग, दाम (मनपा) पफ साम सभा प्रिफर का पूर्ण पाला, इन सप भोपी को पाप के पोषन का पटना भिगा पर जा बस पर उन में पानी को छान ना पाहिये और पही अस सरे भार वाम को पिलाना चाहिये।
१३-पापभी आग पीर सारा ३० प्रन, इन मोना भीपगियों को गिल कर पीन पुरिया पना सेनी पारिस पनि म यार (सपेरे, गुपहर भोर शाम का) मा दिया देनी चाहिम ।
विशेष पराम्य-उपर जिसी मुई भनी समाधी गपा पनि मिक सकेमा मारे nिt on उस पर रापन पर उसमे को देना चाहिये परन्तु उसके साथ साधारण पुरा पा साना चाहिये, मप, मिर्च, गसाम दांग भोर वेल मादि गर्म पनामा पापा नहीं करना चादिमे ।
बसी पर शान ने यपपि सुभाम में गंध पीने का निम किया है परना मार विशुपना की गम्मति दे कि-ग रोग में भी समन स किसी प्राधर भी नि महस दोती है, इस परम्पर विराम विनार पर इस पिम परीक्षा (आप) की गह सिदित (मामा) गुभा दिगम सपन से मार और छ पिमा पो नदी होता। परना शुभम मिटन में देरी कराती है (पनास पाव दिना में मछ। पाठा)।
पप गुमामगाटन पिद गन्न (फम) पर नाम नीर निमी दयामा पिकारी या उगमाग करना चाहिये, परना पर मामा को काग में महामना पाहिम ।
भारी मभान (म) या गुमाम म माग दावे ही विनमरी छगपात, या पद टीम1३, मातिमा परनरी साम दाने पदम मायाकी देसी न है इस मिये यादा पवे पार प नाम इतनपा आरममा जम्न कहा जाप बार सी पाली गद वा पीआोग पटने के लिये (साो लिय) प्रया पिपरी के गाने के छिमे मीन मिी गुई दवाइमा का काम म साना पारस ।