Book Title: Jain Dharm Shikshavali Part 05
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Shivprasad Amarnath Jain

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Page 780
________________ ७२६ भैनसम्प्रदावरिया ॥ २११-दे पूछने पाठे! वो कुछ तेरा काम बिगड़ गया है अर्थात् वो कुछ नुक्समावि हुआ है अथवा किसी से जो कुछ तुझे सेना है पा जिस किसी ने तुझ से दया पानी की है उस को तू मूग बा, यहाँ से कुछ दूर जाने से तुझे गम होगा, भाव तू ने स्वम में देव को वा देवी को वा कुछ के बड़े पनों को वा नदी भादि ने वेसा है, असा सजनों से तेरी मुलाकात हुई है। २२१-हे पूछने पाले! इसमे दिनों तक जो कुछ कार्य तू ने किया उस में उसे बराबर केश हुमा भर्यास् तू ने सुस नहीं पाया, अब तू अपने मन में कुछ परमान चाहता है तथा पन की इच्छा रखता है, मुझे गरे स्वान (ठिकाने) की चिन्ता हे या तेरा पिप पषसो सो अब तेरे दुस का नाश हुमा मौर कल्याण की प्राप्ति हुई समझ मे, इस मात्र की सस्यता का यह प्रमाण है-कि तू स्वम में पक्ष ने देखेगा। ___२२२-२ पूछने वारे ! तेरा सजनों के साम विरोप है मौर वेरी कुमित्र से मित्रता है, वो तेरे मन में चिन्ता है तथा मिस बड़े काम को तू ने उग्र रक्खा है उस काम की सिद्रि महुत दिनों में होगी तमा तेरा कुछ पाप बाकी है सो उस का नाश हो जाने से तुझे स्थान (ठिकाने ) का गम होगा। २२३-२ पूछने पासे । इस समय त ने दुरे काम का मनोरम पिया है या तू दूसरे के धन के सहारे से व्यापार कर भपना मसम्म निकालना चाहता है, सो उस सम्पति मिन्ना कठिन है, तू व्यापार कर, तसे ठाम होगा, परन्तु त ने यो मन में मुरा विचार किया है उस को छोड़ कर दूसरे प्रयोजन को विचार, इस बात की सस्पता का सा प्रमाण है कि सूखम में अपने सोटे दिन देखेगा। २२१-२ पख्ने बारे! तेरे मन में परमी की चिन्ता है, तू बहुत दिनों से तक को देस रहा है, त इपर उपर मटक रहातमा हेरे साग पा पर भड़ाई याद १० दिनों से पा रही है, यह सब विरोष शान्त हो जायेगा, मम री तकलीफ गई, कलाव ऐगा सपा पाप मौर दुस सब मिट गये, सू गुरुदेव की मफि कर सबा कमर । पूना कर, ऐसा करने से सेरे मन के विचारे हुए सम काम ठीक हो जायेंगे । २११ने पूछने पासे! तो दोषों के विना विपारे ही पन का लाभ होगा, ५ महीने में तेरा विपारा हुमा मनोरव सिद्ध होगा मौर उसे बड़ा फळ मिळेगा, इस की सस्पतामही प्रमाण कि तू ने नियों की रूपा की। मपवा तू सम में । को, सूने घरों को मनवा सूने देश को या सूखे सागप को देखेगा। २३२-ने पूछने बार! तू ने बहुत कठिन काम विचारा, मुझे फायदा नही सेरा काम सिद्ध नहीं होगा तथा वसे मुस मिम्ना कठिन इस पास की सत्यता - यह प्रमाण है कि तू सम में मैंस को देखेगा।

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