________________ 751 चैनसम्प्रदायशिक्षा करता हो तो अधिक धैरी उत्पन्न होते हैं, मवि घर के ऊपर मोठे सो मी की मृत्यु होती है अथवा अन्य किसी गृहमन फी मृत्यु होती है तथा यदि तीन दिन तक योग्ता तो चोरी का सूचक होता है। २१-मस्ते समय मबूतर का दाहिनी तरफ होना गमकारी होता है, पाई तरफ हम से भाई भीर परिबन फो फष्ट उत्पन्न होता है तथा पीछे पुगता हुभा होने से उत्तम फल होता है। २५-यदि मुर्गा सिरता के साथ पाई वरफ शम्न करता हो तो छाम और मुख हेला देवा यदि मय से प्रान्त होकर पाई घरफ मोसा हो वो मम और केस उत्पन होता है। २२-यदि नीकण्ठ पक्षी सामने वा वाहिनी तरफ धीर वृक्ष के उपर बैठा हुमा बोरे तो मुस पोर छाम होता है, यदि वा वाहिनी तरफ होकर सोरण पर पाप ता मत्यन्त ठाम और कार्य की सिद्धि होती है, यदि यह पाई तरफ भौर सिर विच स मोख्ता हुमा दीसे तो उत्तम फल होता है या यदि चुप मैठा हूमा पीसे तो उघम पर नहीं होता है। २७-नीमण्ठ भौर नीमिया पक्षी का दर्शन भी शुमारी होता है, क्योंकि पम्स समय इन का दर्शन होने से सर्व सम्पति की प्राप्ति होती है। २८-प्राम को पम्से समम भगवा किसी गुम कार्य के परते समय यदि भोरा पार ठरफ फूल पर भेटा हुमा दीसे मोहर्प भौर पस्माण का करने पाग होता पार सामने पन के उपर पेठा हुभा दीसे वो भी गुमकारक होता है तथा यदि गते हुए भारे शरीर पर मा गिरें तो मशुम होता है, इस रिमे ऐसी दशा में बसों के सहित चार फरना पारिसे मोर असे पदार्थ का दान करना पाहिये, ऐसा करने से सर्व दोष नि हो जाता है। २९-ग्राम को पन्दे समय यदि मफडी माई तरफ से दाहिनी तरफ को उतर उस दिन नहीं पसना पारिये, पदि माई तरफ जामो सस्ती हुई दीस पाता की सिदि, ठाम नौर फुसल होता है, यदि दाहिनी तरफ से माई तरफ को उतरे वा, शुभ होता है, मदि पैर की मरफ से उपर नॉप पर पोठा पोरे की प्राधि हाता यदि मठ साप मा पम मोर मामूपण की माप्ति होती है. यदि मन्त्रक पन्त मा राजमान प्राप्त होता है सभा यदि शरीर पर पड़े तो नमकी प्राधि होती 6 मा प्प उपर को पाना गुमघरी पोर नीचे को उतरना भशुभघरी होता है। ३०-माम को पस्ने समय अनसनरेनमा तरफ से उतरमा शुभ होता हम हिनी तरफ सरना एरं मस्तक भोर घरीर पर परमा मुरा सेता है।