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भैनसम्प्रदायशिक्षा ॥ पत्री का फर कभी ठीक नहीं मिल सकता है, इस लिये भर इस विषय का मग से वर्णन किया जाता है - ___ घण्टा पनाने की विधि-एक पटी (घड़ी) के २१ मिनट होते हैं, इस सिले दाई वर्ण ( पड़ी) का एक पण्टा ( अर्थात् ६० मिनट ) होता है, इस रीति से भो रात्र ( रात दिन ) साठ पटी का अर्थात् पोलीस पण्टे का होता है, अब पण्टा मावि मनाने के समय इस बात फा स्पास रखना चाहिये कि-मिसनी पटी और पठ हो उन को २॥ से माग देना चाहिये, क्योकि-इस से पण्टा, मिनट तथा सक्रिय तक मास हो सकते हैं, जैसे-देसो! १५ पटी, २० पल सभा १५ विपठ के पण्टे बनाने १-ये पाँच राम सादे पारह को निकाला तो शेप (बाफी) रहो-११५०१५, मम एक पटी के २५ मिनट हुए तथा ५० पल के-२० राम ५० भर्थात् २० मिनट हुए, इन में
के २० मिनट मिलाये तो ११ मिनट हुए तथा १५ विपळ फे-१८ राम १५ भोत् १८ सेक्रिण हुए, इस लिये-१० पटी २० पल तमा १५ विपक के पूरे ५ परे, १५ मिनट तथा १८ सेक्रिम हुए।
दूसरी विधि-घटी, पल सभा विपल को विगुण (ना) परके ६० से एम कर ५ का भाग दो, जो सम्म भाये उसे पण्टा समझो, शेप को ६० से गुणा कर तमा पस के मद्दों को मोर कर ५ का माग दो, मो पम्प आये उसे मिनट समझा भोर क्षेप को साठ (२०) से गुणा कर के तमा विपर के भदों को बोड़ कर ५५ माग वो, मो सम्म भावे उसे सेकिण समझो, उवारण-१।२०१५ को नियुप (ना) किया तो २८।१०।९० हुप, इन में से अन्तिम मत ९० में ६० र मात दिया तो सम्म एक माया, इस एक को पड़ में जोड़ा तो २८॥५१॥३० हुए, इन म ५ का माग दिया तो सम्म ५ भाया, ये ही पौष घण्टे हुए, शेष ३ को ६० से गुम्म करके उन में ११ मोरे तो २२१ हुए, इन में ५ का भाग दिया तो सम्म १. हु. हनी को मिनट समझो, शेष एक को ६० से गुणा र उम में ३० ओड़े तो ९०
१-मरण ऐ समापे प्रमशाम इस प्रकार से किया भावा-111५ परे म निसान-१३ पापे रोप्र ५ पूरी पति है इस मेस मा दित्सा १५३ ।४५ जानना चाहता
५-पम माम मौर कम्म मावि संशा परी (परी) ही और पर विषय वा निकम्मर मार विपकी सहा है। ३-१४१५
बाकी प में से पहर सवा पहिरो निनों में 10 परिवर पसरे हमपे । पम् ए, इस में योग तो फाइए. स म से परामा तो ५ परे सने 1५Mए इसी प्रवर समगा मामला पाहिये ।