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बैनसम्पदामशिक्षा ||
सलिला राजपूत हुए हैं, जिन्हों ने प्रवेश्चगमनादि के शुभाशुभ सैकड़ों दोहे बनाये है, वर्तमान में रेल आदि के द्वारा मात्रा करने इस कारण उक्त ( मारबाड़ ) देश में भी शकुनों का प्रचार घट चला जाता है ।
शकुनों के विषय में का मचार हो गया है गया है और पटवा
हमारे देशवासी बहुत से जन यह भी नहीं जानते हैं कि - शुभ शकुन कौन से होते है तथा शुभ शकुन कौन से होते हैं, यह बहुत ही लज्जास्पद विषय है, क्योंकि शुभाशुभ शकुनों का मानना और मात्रा के समय उन का देखना अत्यावश्यक है, देखो ! शकुन ही आगामी शुभाशुभ के ( मळे या बुरे के ) भगवा यो समझो कि धर्म की सिद्धि वा मसिद्धि तथा सुख या दुस्ख के सूचक होते हैं।
कुन दो मकार से लिये (देखे) जाते है-एक तो रमक के द्वारा या पाचा भावि के द्वारा कार्य के विषय में किये (देखे) माते हैं और दूसरे प्रवेशादि को गमन करने के समय शुभाशुभ फल के विषय में किये (देखे) जाते हैं, इन्हीं दोनों प्रकार के छकुनों के विषय में संक्षेप से इस प्रकरण में खिलेंगे, इन में से प्रथम वर्ष के शकुन के विषय में गर्गाचार्य मुनि की संस्कृत में बनाई हुई पालकुनाम का भाषा में अनुवाद कर वर्णन करेंगे, उस के पश्चात् प्रदेशादिगमनविषयक शुभाशुभ शकुनों का संक्षेप से वर्णन करेंगे, आशा है कि गृहस्य बन शकुनों का विज्ञान कर इस से लाभ उठावेंगे।
फिर
जो कुछ कार्य करना हो उस का प्रथम स्थिर मन से विचार करना चाहिये, ओड़े गछ, एक सुपारी और दुमी मा चाँदी की अंगूठी आदि को पुस्तक पर भेंट रूप रख कर पोसे को हाथ में ले कर इस निम्नलिखित मत्र को सात बारा चाहिये, फिर सीन बार पासे का डालना चाहिये तथा तीनों बार के मिलने अह हो उन का
१नों के भी गर्गाचार्य महात्मा में पासा के राजा अग्रसेन के सामने प्रा विस्मरणी साकी) का वर्णन संत मद्य में किया था उसी का भाषानुवाद करके र दम ने किया है।
जो
१४ सम्बरण का जो इच्छा हो जाने कोव में सम्मा बना गोम्न क्षेता है इस दधाम्बरों में रहत है उन को जति है कि-श्रम भय से सुी पा कर अवकाश के समय में गप्प मार कर समय को न समाये किन्तु अपने गये में से को पुरुष कुछ पक्षित हो उस के यहाँ व बोम्म अॅप छात अच्छे १ प्रयों को मैंबा कर रखें और उन को सुना करें तथा भी करे और जो उस से उपयोग से किया करें तथा उपयोगी साप्ताहिक और मानिक पत्र भी दो बार मगाव ९६, ऐसा करने से मनुष्य को बहुत लाभ सेवा है कपासे मानवता का भी पास होना चाहिये जिस में एक
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सीन भार पार व बैंक होने चाहि