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जनसम्प्रदायधिशा ॥ पथ्यापथ्य--इस रोग म दही, गुरु, दूध, पार फा साग, उद तथा पिसाब अप्न (चून भोर मेदा मादि), इन पनामा को त्याग देना चाहिम अर्थात् ये पदार्थ इस रोग म अपथ्य है, इन फे सिपाय जो पनाथ अभिप्यन्दी (वेद के छिद्रपद रन घास), भारी तथा मगर फे समान गिठगिठे है उन सब का भी त्याग पर दना चाहिय ।
उन्माद अर्थात् हिष्टीरिया ( Iysteria ) रोग का वणन ॥ लक्षण–पयपि इस राग म यिपिष प्रकार के (अनेक तरह) सते ।। अपाम् पेस पाव पारदी रोग हांगे कि जिन फे पिड इस (हिपीरिमा रोग) में न हार हो सधापि इस का मुम्प पिद भनवान है।
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