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चतुर्थ अध्याय ॥
५५१ सके तो चार हफ्ते तक तो इस का सेवन अवश्य ही करना चाहिये, इस दवा के समान अग्रेजी दवाइयों में गर्मी पर फायदा करने वाली दूसरी कोई दवा नहीं है, इस दवा का सेवन करने के समय दूध भात तथा मिश्री का खाना बहुत ही फायदेमद है अर्थात् इस दवा का यह पूरा पथ्य है, यदि यह न बन सके तो दूसरे दर्जे पर इस का यह पथ्य है कि-सेंधानमक डाल कर तथा वीज निकाली हुई जयपुर की थोडी सी लाल मिर्च डाल कर बनाई हुई मूंग की दाल फुलके तथा भात को खाना चाहिये, किन्तु इन के सिवाय दूसरी खुराक को नहीं खाना चाहिये तथा इस पथ्य ( परहेज ) को गर्मी की प्रत्येक दवा के सेवन में समझना चाहिये ।
२-पोटास आयोडाइड १२ ग्रेन, लीक्वीड एक्स्ट्राक आफ् सारसापरेला २ ड्राम, इन दोनों को मिलाकर ३ भाग ( तीसरा हिस्सा) दिन में तीन वार देना चाहिये ।
३-उसवा मगरवी दो तोले, पित्तपापडा छः मासे, काशनी छः मासे, चन्दन का चूरा ६ मासे तथा पुटास आयोडाइड छः ग्रेन, इन में से प्रथम चार औपधियो को आध पाव उबलते हुए गर्म पानी में एक घंटे तक चीनी वा काच के वर्तन में भिगोवें, फिर छान कर उस में पुटास आयोडाइड मिलावें और दिन में तीन बार सेवन करें, यह दवा एक दिन के लिये समझनी चाहिये तथा इस दवा का एक महीने तक सेवन करना चाहिये ।
४-मजीठ, हरड़, बहेड़ा, ऑवला, नीम की छाल, गिलोय, कड्ड और वच, इन सत्र औपधों को एक एक तोले लेकर उस के दो भाग करने चाहिये तथा उस में से एक भाग का प्रतिदिन काथ बना कर पीना चाहिये । __५-उपलसरी, जेठीमधु (मधुयष्टि अर्थात् मौलेठी), गिलोय और सोनामुखी ( सनाय ), इन सब को एक एक तोले लेकर तथा इन का काथ बना कर प्रतिदिन पीना चाहिये, यदि इस के पीने से दस्त विशेष हों तो सोनामुखी को कम डालना चाहिये ।
६-उपदंश गजकेशरी अंक यह अर्क यथा नाम तथा गुण है, अर्थात् यह अर्क उपदंश रोग पर पूर्ण (पूरा ) फायदा करता है, जो लोग अनेक दवाइयों को खाकर
१-ऊपर लिखी हुई चारों औपधों को मिलाकर तैयार की हुई यह दवा हमारे औषधालय में सर्वदा उपस्थित रहती है तथा चार सप्ताह ( हफ्ते) तक पीने योग्य उक्त दवा के दाम १०) रुपये है, पोटेज (डाकव्यय) पृथक् है, जिन को आवश्यकता हो वे द्रव्य भेज कर अथवा वेल्यूपेविल के द्वारा मगा सकते हैं।
२-यह अर्क शुद्ध वनस्पतियों से बना कर तैयार किया जाता है, जो मगाना चाहे हमारे औपधालय से द्रव्य भेज कर अथवा वी पी द्वारा मँगा सकते है, इस के सेवन की विधि आदि का पत्र (पची) दवा के साथ में भेजा जाता है, एक सप्ताह (हफ्ते )तक पीने लायक दवा की शीशी का मूल्य ३) रुपये हैं, पोटेज (डाकव्यय) पृथक् लगता है ॥
३-अर्थात् यह अर्क उपदशरूपी गज (हाथी) के लिये केशरी (सिंह) के समान है ॥